बैतूल /शाहपुर नवल-वर्मा । इन दिनों बैतूल जिले के शाहपुर व घोड़ाडोंगरी ब्लॉक खनिज माफियाओं का गढ़ बन गया है दोनों ही विकाखण्ड में रेत माफिया व कोल माफिया अंगद की तरह पैर जमाए अपने काले कारोबार को अंजाम देने में लगा हुआ है। आश्चर्य तो तब होता है जब हर दिन नए-नए कोयला व रेत माफियाओं के पैदा होने की जानकारी सामने आती है। कोयले के अवैध कारोबार से फर्श से अर्श तक पंहुँचे माफियाओं को देखकर अब हर कोई कोयले का कारोबार कर एक दम लखपति बनने का ख्बाब देख रहा हैं। इसी कड़ी में आये दिन नए माफिया पैदा हो रहे हैं वहीं प्रशासनिक अमले पर हुए हमले के बाद माइनिंग विभाग भी सवालों के घेरों में आ रहा है, जहाँ अवैध खनिज के मामलों में कार्यवाही करने की अहम जिम्मेदारी खनिज विभाग की होती है। खनिज विभाग द्वारा आज तक अवैध कोल व रेत माफियाओं के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही देखने में नहीं आई है। वहीं इन माफियाओं को मिले खनिज विभाग के संरक्षण का खामियाजा राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। अगर समय-समय पर इन माफियाओं पर सख्त कार्यवाही माइनिंग विभाग करता रहता तो इन माफियाओं की तादाद में अंकुश लगा रहता और माफियाओं के हौसले प्रशासन के अधिकारियों की कालर पर हाथ डालने की कभी हिमाक़त नहीं करते । खैर जो हुआ सो हुआ उसे छोड़ो पर अब भी वक्त है बदलाव का यदि अब भी अगर बैतूल जिले के इन कोयला और रेत माफियाओं पर समय रहते अंकुश नही लगाया गया तो इस तरह की घटना का दोहराया जाना कोई नई बात नहीं होगी।
प्रशासनिक अमले को अब इन माफियाओं की पूरी हिस्ट्री निकालकर इनकी कमर तोड़ने की सख्त आवश्यकता है। अन्यथा इन अवैध खदानों में जाकर अपनी जान की बाजी लगाकर कोई भी अधिकारी कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पायेंगे।