मुंगावली। परम पूज्य आचार्य श्री विधासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य पूज्यमुनि श्री अजित सागर जी ऐलक दया सागर जी और ऐलक विवेकानंद सागरजी महाराज 23 वा भव्य मंगल कलश स्थापना नगर के सुधा सागर भवन में संप्पन हुई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव रहे कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य श्री विधासागर जी महाराज के चित्र अनवारण ओर दीप प्रज्वलन कर की गई इस मौके पर राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादब ने कहा कि संसार, शरीर, भोगो से विरक्ति के क्षण दुर्लभ होते है ये विशेषताएं मात्र जैन संतो में पाई जाती है एवं त्याग तपस्या में अग्रणीय जैन संत होते है वही इस मौके पर पूज्यमुनि श्री अजित सागर जी महारज ने कहा कि वे जीव बहुत पुण्यशाली होते है जिन पर गुरु कृपा होती है अतः गुरु के गुण का गान करना लिख पाना अत्यंत कठिन है पतित से पावन बनने की प्रकिया गुरु से ही मिलती है गुरु की गौरवगाथा वचनातीत होती है मंत्री और संतो में ज्यादा अंतर है मंत्री जनता की आवश्यकताओ की पूर्ति करते है अहिंसा धर्म की रक्षा हेतु जैन संत चार माह एक स्थान पर ठहरकर सभी को उपदेश देकर सन्मार्ग पर चलाते है एवं देश और समाज को व्यवस्थित करते है संयम साधना की रक्षा के लिए श्रावक जन साधुओ की सेवा का सहारा लेते है इस मौके पर सागर, बिदिसा, खुरई, गेरतगंज, वेगमगंज सहित अनेक स्थानों से लोग पहुचे
इन्हें मिला मंगल कलश लेने का सौभाग्य
मंगल कलश स्थापना के शुभ अवसर पर पांच मुख्य कलश रखे गए जिसमे एक मंगल कलश लेने का सौभाग्य स्वर्गीय सुभाष चन्द्र जी मोदी के परिवार मनीष मोदी,रितेश मोदी एवं माता जी इंद्रा जैन रसिया परिवार पाली, के साथ सुरेश चंद जी गंजबासौदा,श्रीमान ज्ञानप्रकाश जी शरद कुमार जी टढ़ैया रवि कुमार मुंगावली,श्रीमान कोमलचंद जी अजितकुमार संजय कुमार राजकुमार जी सलामतपुर वाले मुंगावली,
श्रीमान कपिल जी जैन ठेकेदार मुंगावली को मंगल कलश लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
किताब का किया गया विमोचन
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव द्रारा पूज्यमुनि श्री अजित सागर जी महाराज द्रारा लिखी गई जिन दर्शनाराधना दर्शन पाठ ओर साधु जीवन दर्शन किताब का विमोचन किया गया
पिच्छी परिवर्तन भी हुआ
कार्यक्रम के दौरान पूज्यमुनि श्री अजित सागर जी महाराज की पुरानी पिच्छी लेने और देने का सौभाग्य सुनील कुमार चच्चा पत्नी उमा जैन बिदिशा बालो को प्राप्त हुआ।