आमतौर पर यह सोचा जाता है कि इंडस्ट्री के बच्चों को सब कुछ थाली में परोसकर मिल जाता है। संजय दत्त की भांजी नाज़िया हुसैन का इस पर बिल्कुल अलग विचार है। वह संजय के मामा, अख्तर हुसैन की पोती हैं। वह 2014 में तेलुगू फिल्म 'नी जथागा नेनुंदाली' (आशिकी 2 की रीमेक) में अपनी भूमिका से फेमस हुईं और फिर 'तेरी भाभी है पगले' (2018) और 'मुश्किल' (2019) जैसी फिल्मों में देखी गईं। नाज़िया बताती हैं कि भले ही उनका फैमिली बैकग्राउंड फिल्मी है, लेकिन वह खुद को एक साधारण लड़की मानती हैं।
Nazia Hussain ने कहा, 'मैं ज्यादातर स्टार किड्स की तरह कभी भी फिल्म इंडस्ट्री परिवार में नहीं पली-बढ़ी। मैं इससे दूर एक साधारण जीवन जीती थी। जब मैंने शुरुआत की तो मैं किसी को नहीं जानती थी, मैं सिर्फ एक्टिंग करना चाहती थी। मैं कुछ नहीं जानती थी। मेरा मार्गदर्शन करने या सलाह देने के लिए मेरे पास कोई गुरु नहीं था, मुझे डायरेक्टर्स या प्रोडक्शन हाउस से पहचान कराने वाला कोई नहीं था। मैं ऑडिशन दे रही थी और काम पाने की कोशिश कर रही थी। मुझे पहली नौकरी लाइट चेक के लिए एक ऐड फिल्म में प्रियंका चोपड़ा के लिए डबल के रूप में बैठने की मिली। मैं खुद को स्टार किड नहीं मानती। मुझे जो कुछ भी मिला मैंने किया है।'
सलीम खान ने की थी मदद
दत्त परिवार से ताल्लुक रखने वाली यह एक्ट्रेस संजय की तुलना में बहनों के ज्यादा करीब हैं। वह कहती हैं, 'संजय दत्त के साथ मेरे अच्छे रिश्ते हैं। मेरी बुआ प्रिया और नम्रता के साथ मेरा ज्यादा अच्छा बॉन्ड है।' नाज़िया को फिल्मों में लाने में उनके परिवार से ज्यादा सलमान खान के पिता सलीम खान ने बड़ी भूमिका निभाई। वह कहती हैं, 'मेरा पावर सलीम खान थे। मेरे पिता की एक भयानक कार दुर्घटना हुई थी, हमने उन्हें लगभग खो दिया था। भावनात्मक रूप से टूटने के अलावा उनके मेडिकल बिल ने हमें बर्बाद कर दिया। सलीम अंकल ने इस बारे में बात की और मेरी मां के पास पहुंचे और हमारी आर्थिक मदद की। इसी दौरान मेरी उनसे मुलाकात हुई और उन्होंने मेरी मां से कहा कि मुझे एक्टिंग स्कूल भेजा जाना चाहिए, सच कहूं तो मेरी मां कभी नहीं चाहती थीं कि मैं एक्टर बनूं। यह सलीम चाचा ही थे जिन्होंने उन्हें समझाया और कहा कि एक कलाकार के रूप में मुझमें कुछ है और मुझे इसे आज़माना चाहिए।'
अमिताभ बच्चन हैं प्रेरणा
नाज़िया से पूछने पर कि वह इंडस्ट्री के बारे में क्या सोचती हैं, तो वह कहती हैं, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री 'गेम ऑफ थ्रोन्स' की तरह है। पहिए घूमते रहते हैं। यह हर किसी के लिए है। आपको बस ध्यान देना है और आगे बढ़ना है। मैं अपनी असफलताओं को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती। मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा अमिताभ बच्चन रहे हैं। यदि आप उनका करियर ग्राफ देखेंगे तो पाएंगे कि वह कितने सच्चे एक्टर हैं। संघर्ष हर किसी के जीवन का हिस्सा है, आपको बस चलते रहना है। फिलहाल, मेरी एक फिल्म 'टिप्पसी' जल्द ही रिलीज होने वाली है और कुछ फिल्मों की शूटिंग भी कर चुकी हूं।'