यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले 216वें दिन भी जारी रहे। इस बीच, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से एक हफ्ते पहले जारी आदेश ने रूस में दहशत मचा दी है। पुतिन ने 3 लाख रिजर्व सैनिकों को यूक्रेन भेजने का आदेश जारी किया था। रूस के कानून के मुताबिक सरकार जरूरत के अनुसार देश में रह रहे कितने भी लोगों को सेना में जंग के दौरान भर्ती कर सकती। उन लोगों को चुनेगी, जो इतिहास में सेना के लिए काम कर चुके हैं।
इस आदेश के बाद लोगों को डर है कि उनका नंबर न लग जाए। इसीलिए वे देश छोड़ रहे हैं। उनका ये भी कहना है कि हम इस अंतहीन युद्ध में यूक्रेन के खिलाफ लड़ना नहीं चाहते। इस कारण अपनी कारों और दूसरे वाहनों से जॉर्जिया जा रहे हैं।
सैनिक की मौत से जागा डर
पुतिन
के करीबी माने जाने वाले व्यवसायी येवगेनी प्रिगोझिन ने बताया कि लोग सेना
में भर्ती होने से डर रहे है। इसका मतलब है कि पुतिन का यूक्रेन पर हमला
करना जनसमर्थन के खिलाफ था। साइबेरिया में एक सैनिक की गोली लगने से मौत हो
गई। यह हाल ही में जंग के कारण सेना में भर्ती हुआ था। इसके बाद लोग सेना
में जाने का डर बढ़ गया।
यूक्रेन के 4 प्रांतों में जनमत संग्रह: 97% रूस के पक्ष में
रूस
ने यूक्रेन में अपने कब्जे वाले डोनेस्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिजिया
में जनमत संग्रह कराया है। रूसी मीडिया ने मंगलवार को जानकारी दी कि इन
प्रांतों की 97 फीसदी यूक्रेनी रूस के साथ विलय चाहते हैं। ये चार प्रांत
यूक्रेन के कुछ क्षेत्रफल का 20% हिस्सा हैं।
रूस ने नॉर्ड गैस पाइपलाइन में धमाकों को अंजाम दिया: यूक्रेन
यूक्रेन
ने आरोप लगाया कि रूस ने बाल्टिक सागर में नॉर्ड गैस पाइपलाइन में धमाके
किए हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मायकालो पडोल्याक ने आरोप लगाया
कि रूस गैस पाइपलाइन में धमाके कर यूरोप में सर्दियों से पहले अफरातफी के
हालात पैदा करना चाहता है। स्वीडन ने धमाकों की जांच शुरू कर दी है।