फ्लोरिडा में सेटल हो चुके अनिल जेठवानी बेटी की शादी की तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन उन्हें दुख है कि शादी में उनके अपने नहीं पहुंच पाएंगे। उनके छोटे भाई समेत 25 करीबी रिश्तेदार भारत में रहते हैं। उन्हें विजिटर वीजा का अपॉइंटमेंट 2024 से पहले नहीं मिल रहा। ऐसे अनेक भारतीय परिवार अमेरिकी वीजा के वेटिंग टाइम से परेशान हैं।
हजारों छात्रों और रोजगार आधारित वीजा पाने की तमन्ना 2023 में भी पूरी नहीं होने जा रही, क्योंकि 2022-23 के लिए एच1बी वर्क वीजा की 65 हजार की सीमा समाप्त हो चुकी है। अब इसके दरवाजे अप्रैल 2024 में ही खुलेंगे। 2019 में अमेरिकी वीजा के लिए लंबित आवेदनों की संख्या 60 हजार से भी कम थी। इसलिए इंटरव्यू का अपॉइंटमेंट हर महीने मिल रहा था।
वीजा अपॉइंटमेंट भी नामुमकिन हो गया है। प्रतीक्षा का समय 700 दिन से ज्यादा हो चुका है। दिल्ली में विजिटर वीजा का वेटिंग टाइम 758 दिन और मुंबई में 752 दिन हो चुका है। हालांकि, अमेरिका का पर्यटन वीजा पाने में ज्यादा समस्या नहीं आ रही है।
4.16 लाख आवेदन इंटरव्यू के लिए पेंडिंग, 3.85 लाख आवेदनों के लिए अभी तारीख ही तय नहींसबसे ज्यादा परेशानी युवाओं को, जो स्टूडेंट वीजा चाहते हैं
वीजा
की वेटिंग से सबसे ज्यादा परेशानी उन युवाओं को है, जो अमेरिका में पढ़ाई
करना चाहते हैं। स्टूडेंट वीजा के लिए वेटिंग टाइम 300 दिन से अधिक हो चुका
है।
अमेरिका से ज्यादा मुश्किल हुआ कनाडा जाना
दुनियाभर में ट्रेवल प्री-कोविड स्तर पर आ चुका है, लेकिन, कनाडा व न्यूजीलैंड का वीजा भी आसानी से नहीं मिल रहा। कनाडा का बैकलॉग 24 लाख हो चुका है।
सतर्कता नियम: भारत आने वालों के लिए एयर सुविधा पोर्टल पर सेल्फ डिक्लरेशन जारी रहेगा
विदेश से आ रहे सभी यात्रियों को एयर सुविधा पोर्टल पर सेल्फ डिक्लरेशन भरना अभी जारी रहेगा। यह एक ऑनलाइन फॉर्म है, जिसमें बोर्डिंग से पहले सभी यात्रियों को अपने पिछले 15 दिन की यात्रा और कोरोना संबंधी जानकारियां भरनी होती हैं।
यात्रियों का तर्क रहता है कि जब कोरोना लगभग खत्म हो चुका है तो इस फॉर्म की जरूरत ही क्या है। इस बारे में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के अफसरों का कहना है कि दुनिया में अभी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। हम एहतियात के तौर पर हर यात्री की डिटेल रख रहे हैं, ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर ट्रैकिंग आसान हो सके।
स्वास्थ्य मंत्रालय और सिविल एविएशन के अफसरों ने 2 सितंबर को बैठक में तय किया था कि सेल्फ डिक्लरेशन की व्यवस्था जारी रहेगी, क्योंकि अभी कई देशों में वैक्सीनेशन कम है। हम ऐहतियात नहीं छोड़ सकते। वैसे भी फॉर्म भरने में एक मिनट का समय लगता है।