जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का राजकीय अंतिम संस्कार 27 सितंबर को टोक्यो में होगा। राजकीय सम्मान को लेकर विवाद जारी है। जनता ने राजकीय शोक मनाने से भी इनकार कर दिया है। स्टेट फ्यूनरल के विरोध में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने प्रधानमंत्री ऑफिस के पास खुद को आग लगा ली।
मौके पर मौजूद पुलिस ऑफिसर्स ने बताया कि व्यक्ति की उम्र करीब 70 साल है। उसे अस्पताल ले जाया गया है। उसका इलाज जारी है। पुलिस ने कहा- व्यक्ति के पास से एक नोट मिला है। इस नोट में उसने स्टेट फ्यूनरल के विरोध की बात लिखी है।
राजकीय सम्मान पर रोक के लिए याचिका दायर
अंतिम
संस्कार के समर्थन को लेकर सितंबर में हुए योमीउरी शिंबुन सर्वे में 56%
लोगों ने कहा- सरकारी खर्च पर अंतिम संस्कार न किया जाए। हम इसके खिलाफ
हैं। आबे के स्टेट फ्यूनरल में करीब 910 करोड़ रुपए खर्च होने वाले हैं।
टोक्यो कोर्ट में भी राजकीय सम्मान पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका
लगी है। इसे जनता के पैसे की बर्बादी बताया गया है।
पहले सिर्फ 95 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान
सभी
अंतिम संस्कार समारोह निजी तौर पर आयोजित होते आए हैं। यही वजह है कि आबे
के मामले में भी विरोध हो रहा है। दरअसल, आखिरी बार 1967 में पूर्व
प्रधानमंत्री शिगेरू योशिदा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से हुआ था।
इधर, प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने 8 सितंबर को एक संसदीय बहस में चार
कारण गिनाते हुए कहा था कि आबे के स्टेट फ्यूनरल में करीब 910 करोड़ रुपए
खर्च सरकार करेगी। अमूमन जापान में रॉयल फैमिली और प्रधानमंत्रियों का
अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान या सरकारी खर्च पर नहीं किया जाता। ये परंपरा
है।
पहले यह खर्च करीब 95 करोड़ रुपए जताया गया था, जिसे सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDF) वहन करने वाली थी। बता दें कि 2011 की सुनामी आई, इसके बाद भी आबे ने देश को बेहतर तरीके से बाहर निकाला। उनके बेहतर शासन और लोकप्रियता के कारण सरकार राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करना चाहती है।
अंतिम संस्कार में 190 देशों से 6,400 अतिथि शामिल होंगे
आबे
की 8 जुलाई को हत्या के बाद परिवार अंतिम संस्कार 15 जुलाई को करने वाला
था। वह टल गया। अब होने जा रहे अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, उप राष्ट्रपति कमला हैरिस
सहित 190 देशों से 6,400 लोगों के शामिल होने की संभावना है।
निजी समारोह में राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हुए थे
शिंजो
आबे की नारा शहर में 8 जुलाई को हत्या हुई थी। पारिवारिक तौर पर आबे का
अंतिम संस्कार 15 जुलाई को हुआ था। जापान की सरकार आबे को अब राजकीय सम्मान
से अंतिम विदाई देगी। प्रतीकात्मक विदाई की वजह यह है कि निजी समारोह में
राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हो सके थे। अंतिम संस्कार में PM मोदी और
अमेरिका के पूर्व प्रधानमंत्री बराक ओबामा समेत कई बड़ी हस्तियां और
राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो सकते हैं।
शिंजो जब एक चुनावी रैली में स्पीच दे रहे थे तब उन्हें पीछे से गोली मारी गई थी। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई थी। हमलावर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके निधन पर भारत में भी एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था।