हालांकि, बाद में काफी कोशिश करने के बाद सत्यजीत रे ने सभी को मना लिया और 3 मार्च 1949 को दोबारा विजया से शादी की। इसके बाद उन्होंने रिसेप्शन पार्टी भी दी थी, जिसमें पृथ्वीराज कपूर सहित कई जानी-मानी हस्तियां आशीर्वाद देने पहुंची थीं।
Satyajit Ray और विजया रे फर्स्ट कजिन थे। विजया के पिता, सत्यजीत रे की मां के सबसे बड़े सौतेले भाई थे। बताया जाता है कि करीबी रिश्तेदार होने की वजह से उनका बचपन साथ में बीता। लेकिन जब दोनों जवान होने लगे तो मन में अलग भावनाएं उमड़ने लगीं।
सत्यजीत रे और विजया ने कई साल तक ऐसे ही छिप-छिप कर प्यार किया, एक-दूसरे को डेट किया। जब विजया फिल्मों में करियर बनाने के लिए मुंबई आईं तो सत्यजीत रे उन्हें लव लेटर लिखा करते थे। कभी-कभी तो उनसे मिलने बंबई (अब मुंबई) भी आते रहते थे। कुछ साल बाद दोनों ने शादी करने का फैसला लिया, लेकिन सामने कई चुनौतियां थीं।
सत्यजीत रे ने पहले विजया से कोर्ट मैरिज करने की प्लानिंग की, लेकिन वो सफल नहीं हुए। इसके बाद घरवालों को बिना बताए विजया की बहन के घर पर हमेशा के लिए उनका हाथ थाम लिया। इस शादी के बारे में किसी को पता नहीं था, इसलिए विजया को दुख होता था। उन्होंने खुद इसका खुलासा किया था।
हालांकि, बाद में काफी कोशिश करने के बाद सत्यजीत रे ने सभी को मना लिया और 3 मार्च 1949 को दोबारा विजया से शादी की। इसके बाद उन्होंने रिसेप्शन पार्टी भी दी थी, जिसमें पृथ्वीराज कपूर सहित कई जानी-मानी हस्तियां आशीर्वाद देने पहुंची थीं।