एस्सार समूह ने शुक्रवार को आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील लिमिटेड को अपने कुछ बंदरगाहों और बिजली बुनियादी ढांचा बेचने के लिए एक सौदे की घोषणा की। यह सौदा 2.4 अरब डॉलर (19,000 करोड़ रुपये) में हुआ है। यह भारत में महामारी के बाद हुए बड़े विलय और अधिग्रहण सौदों में एक है।
क्या कहा एस्सार ने?
एस्सार ने एक बयान में कहा कि उसने कुछ बंदरगाहों और बिजली बुनियादी ढांचे की परिसंपत्तियों को बेचने के लिए आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील के साथ एक बाध्यकारी समझौता किया है। ये परिसंपत्तियां मुख्य रूप से हजीरा इस्पात संयंत्र के परिचालन से संबंधित हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘इस सौदे में गुजरात के हजीरा में 10 लाख टन सालाना एलएनजी टर्मिनल बनाने के लिए एस्सार और आर्सेलर मित्तल के बीच 50-50 प्रतिशत के संयुक्त उद्यम साझेदारी की भी व्यवस्था है।’’
आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील ने क्या कहा?
बयान में अधिक विवरण दिए बिना सिर्फ कुछ बंदरगाहों और बिजली अवसंरचना के बारे में बताया गया, जो मुख्य रूप से हजीरा इस्पात संयंत्र के संचालन से जुड़े थे। आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील (एएम/एनएस) ने 2018-19 में इस इस्पात संयंत्र का अधिग्रहण किया था।
आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील ने एक अलग बयान में कहा कि इस सौदे में गुजरात, आंध्र प्रदेश और ओडिशा स्थित बंदरगाह संपत्तियों के साथ ही हजीरा में दो बिजली संयंत्र और एक बिजली पारेषण लाइन शामिल हैं। कंपनी ने 2018-19 में दिवालियापन की कार्यवाही में एस्सार स्टील का लगभग 42,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था। हालांकि, बाद में यह मामला अदालत में चला गया। इस बारे में अब दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है।