जबलपुर, ०७ अक्टूबर । अब प्रॉपर्टी टैक्स संपत्ति के वार्षिक भाड़ा मूल्य (एनुअल लेटिंग वैल्यू) के स्थान पर कर योग्य संपत्ति मूल्य (टैक्सेबल प्रॉपर्टी वैल्यू) से तय किया जाएगा। कलेक्टर गाइडलाइन के रेट के आधार पर कर योग्य संपत्ति मूल्य निकाला जाएगा। सरकार ने इसके नियम तय कर दिए हैं। नए नियमों के हिसाब से हर निकाय को हर वर्ष कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार एरिया का वर्गीकरण करना होगा। अगले वित्तीय वर्ष से कलेक्टर गाइड लाइन के बढ़ने पर टैक्सेबल प्रॉपर्टी वैल्यू भी बढ़ जाएगी।
यदि संपत्ति का मूल्य पिछले वर्ष की अपेक्षा १० प्रतिशत से ज्यादा बढ़ता है, तो भी टैक्सेवल प्रॉपर्टी वैल्यू १० फीसदी तक ही बढ़ेगी, उससे ज्यादा नहीं। यदि कहीं कलेक्टर गाइडलाइन कम होती है, तो वहां टैक्सेबल प्रॉपर्टी वैल्यू पिछले वर्ष के समान ही रहगी यानी कम नहीं होगी। निकाय में नए शामिल होने वाले क्षेत्रों के लिए उसके पास के एरिया के हिसाब से कर योग्य संपत्ति मूल्य तय किया जाएगा।
तो संपत्ति कर की गणना एक जैसी होगी.........
संस्कारधानी यदि कटंगा और आदर्श नगर में कलेक्टर गाइडलाइन एक समान है, तो दोनों जगह संपत्ति कर की गणना एक जैसी होगी। अभी यह उस जोन के हिसाब से होती है जिसमें वह शामिल है।
ऐसे होगी गणना........
गाइडलाइन में किसी प्रॉपर्टी की कीमत २०१९-२० में ४२,८०० रुपए प्रति वर्ग मीटर रही और उसका २०२०-२१ का वार्षिक भाड़ा मूल्य १७० रु.वर्गमी है। २०२०-२०२१ में वहां गाइडलाइन बढ़कर ४६५०० रु.वर्गमी. होती है, तो २०२०-२१ में कर योग्य संपत्ति मूल्य १९२ रु, प्रति वर्ग मी हो जाएगा। इसी आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स की गणना होगी। प्रॉपर्टी टैक्स पहले वार्षिक भाड़ा मूल्य का ६ से १० प्रतिशत होता थाए वह अब टैक्सेबल प्रॉपर्टी वैल्यू का ६ से १० प्रतिशत होगा।