अल-कायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी की मौत पर नए सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं। अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने वाले तालिबान का कहना है कि उन्हें अब तक जवाहिरी का शव नहीं मिला है। दूसरी तरफ, अमेरिका कई बार दावा कर चुका है कि जवाहिरी की मौत के बारे में उसे किसी तरह का शक नहीं है।
10 साल पहले जब ओसामा बिन लादेन मारा गया था, तो अमेरिका ने उसकी मौत की पुष्टि के लिए DNA टेस्ट कराया था। जवाहिरी के मामले में ऐसा नहीं किया गया। जवाहिरी 1 अगस्त को काबुल में अमेरिकी ड्रोन स्ट्राइक में मारा गया था।
व्हाइट हाउस का कहना है कि US के पास ऐसे कई सोर्स और सबूत हैं, जो जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि करते हैं। सवाल यह है कि अगर जवाहिरी मारा गया और उसका शव उसी बिल्डिंग में था तो वो तालिबान को क्यों नहीं मिला? क्या तालिबान झूठ बोल रहा है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद दुनिया को जवाहिरी के मारे जाने की जानकारी दी थी।
अफगानिस्तान ने क्या कहा?
तालिबान हुकूमत का कहना है कि जिस घर पर अमेरिका ने ड्रोन स्टाइक की, वो खाली था। वहां कोई नहीं रहता था। इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि हमले के दौरान जवाहिरी उसी घर में था।
एक अमेरिकी अफसर के मुताबिक जवाहिरी सेफ हाउस में परिवार के साथ रहता था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। अमेरिका ने इस हमले के बारे में तालिबान को कोई जानकारी भी नहीं दी थी।
अमेरिका ने क्या कहा?
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- हमें किसी कन्फर्मेशन की जरूरत नहीं है। हमारे कई सोर्स उसके मारे जाने की पुष्टि कर चुके हैं। हमारी एजेंसियों ने कई मेथड्स इस्तेमाल किए। इसलिए DNA की भी जरूरत नहीं है। अब अफगानिस्तान में अल-कायदा का कोई और सरगना नहीं बचा।
लंबे समय से ट्रैक कर रही थीं अमेरिकी एजेंसियां
जवाहिरी पर हमला अफगानिस्तान के समयानुसार 1 अगस्त यानी रविवार सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर किया गया। उस वक्त अमेरिका में शनिवार की रात के 9 बजकर 48 मिनट का समय था। अमेरिकी अफसर ने बताया कि अमेरिकी एजेंसियां काबुल में उसका पिछले 6 महीने से लगातार पीछा कर रही थीं।