मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' को लेकर चर्चाओं में हैं। ओटीटी पर उनकी यह फिल्म मंगलवार, 23 मई को रिलीज हो गई है। अपने एक ताजा इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म और सुशांत सिंह राजपूत की मौत का जिक्र किया है। नेशनल फिल्म अवॉर्ड विनर एक्टर का कहना है कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद हमेशा से रहा है। उन्होंने आउटसाइडर्स को चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि अगर आप इस दुनिया में बाहर से आ रहे हैं तो नेपोटिज्म को दिल पर न लें, बल्कि अपनी एनर्जी को अपनी कला में लगाएं। मनोज बाजपेयी ने खुलासा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत ने उनके साथ अपनी परेशानियां शेयर की थीं। मनोज कहते हैं, 'वह एक स्टार तो बन गए, लेकिन इसके साथ यहां की राजनीति को हैंडल नहीं कर पाए।'
Manoj Bajpayee ने 'आज तक' के साथ बातचीत में कहा, 'मैं Nepotism से कभी प्रभावित नहीं हुआ, क्योंकि कोई भी स्टारकिड वो फिल्में नहीं करेगा जिनमें मैं काम करता हूं।' वह आगे कहते हैं, 'नवाज करेगा, इरफान होता तो वो करता या केके मेनन करेगा। ये कमर्शियल फिल्में नहीं हैं, इसलिए कोई भी इन पर ध्यान नहीं देता है और न ही इन पर अपना पैसा लगाता है। इसलिए आप इसे हर समय एक बहाने के तौर पर नहीं ले सकते। अपनी एनर्जी बर्बाद मत करो। थिएटर करो, अगर आप एक अच्छे एक्टर हैं तो सड़क पर परफॉर्म करके पैसा कमा सकते हैं।'
'मैं सुशांत की मौत से पर्सनली बहुत प्रभावित था'
मनोज बाजपेयी से पूछा गया कि Sushant Singh Rajput की मौत ने नेपोटिज्म की बहस को नई हवा दे दी, तो उन्होंने कहा, 'मैं सुशांत की मौत से पर्सनली बहुत प्रभावित हुआ था। सोनचिरैया की शूटिंग के दौरान हम वाकई बहुत क्लोज हो गए थे। वह मुझसे बहुत प्यार करता था। मैं अक्सर सेट पर मटन पकाता था और वह हमेशा खाने के लिए आता था। हमें कभी नहीं पता था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा। उसने अपनी चुनौतियों और परेशानियों के बारे में मुझसे खुलकर बात की थी।'
'सुशांत राजनीति और गुटबाजी को हैंडल नहीं कर पाए'
मनोज बाजपेयी आगे कहते हैं, 'सुशांत कहीं न कहीं इंडस्ट्री में राजनीति और गुटबाजी को हैंडल नहीं कर पाए। जैसे-जैसे कोई अपने करियर में आगे बढ़ता है, कंपीटिशन बढ़ता जाता है। आपके सामने समस्याएं आती हैं। इंडस्ट्री में राजनीति हमेशा से होती रही है। जैसे-जैसे आप सफलता की सीढ़ियां चढ़ते जाते हैं, यह और भी गंदा होता जाता है। मुझे इससे कभी कोई समस्या नहीं हुई, क्योंकि मैं जिद्दी और मोटी चमड़ी वाला था। लेकिन वह नहीं था और वो इस तरह दबाव हैंडल नहीं कर पाया। उसने मुझसे इन चीजों के बारे में बारे में बात की थी, क्योंकि वह इससे बहुत प्रभावित हुआ था।'
मनोज बाजपेयी बोले- सुशांत की आत्मा बहुत पवित्र थी
इस पर मनोज बाजपेयी से पूछा गया कि क्या सुशांत सिंह राजपूत नेपोटिज्म के शिकार हुए, तो एक्टर ने इसे खारिज कर दिया। मनोज बाजपेयी ने कहा, 'वह अपने लिए एक बहुत ही अलग तरह का करियर चाहता था। 'द फैमिली मैन' फेम एक्टर ने कहा, 'यदि आप मनोज बाजपेयी बनना चाहते हैं, तो यहां कोई राजनीति नहीं है। लेकिन वह स्टार बनना चाहता था और वहां बहुत ज्यादा कंपीटिशन है। जो भी स्टार बनने के लिए मैदान में उतरता है, वह उस मुकाम को हासिल करने की पूरी कोशिश करता है। लेकिन सुशांत यह सब सहन नहीं कर सका। मैंने महसूस किया है कि उसकी आत्मा बड़ी पवित्र थी और वह अंदर से बच्चा था। वह उस हेरफेर को नहीं समझ सका, जिसकी जरूरत थी।'