ब्रिटेन में नए प्रधानमंत्री के ऐलान में हफ्ते भर का समय बाकी रह गया है। भारतवंशी ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच मुकाबला है। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के लगभग दो लाख वोटरों के हाथ में चाबी है। लगभग 70 फीसदी वोटरों ने सीक्रेट बैलेट पार्टी दफ्तर में भेज दिए हैं। एक माह तक टीवी डिबेट और सभाओं के बाद सुनक पिछड़ते दिखाई पड़ रहे हैं। ब्रिटेन में इस चुनाव में महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा बना।
वित्तमंत्री रहे सुनक से वोटरों को महंगाई से राहत की उम्मीद थी, लेकिन महंगाई के मुद्दे पर सुनक का मॉडल फेल साबित होता दिख रहा है। ब्रिटेन में पिछले एक साल के दौरान कॉस्ट ऑफ लिविंग में 18 फीसदी की वृद्धि हुई। सुनक ने एनर्जी बिल में वैट को 7 फीसदी तक घटाने का वादा किया था, लेकिन अभियान के दौरान उन्होंने इसे सही समय पर करने की बात कही। बस यहीं से बाजी पलटती गई। वे वोटरों को महंगाई से राहत का भरोसा नहीं दे पाए। अब सुनक, अपनी पार्टी के सर्वे में ट्रस से 30 पाइंट से पिछड़ रहे हैं।
सुनक की छवि जॉनसन की गद्दी हथियाने वाले की बनी
अब
सुनक और ट्रस वोट मांगने के लिए कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच जा
रहे हैं। इसे हस्टिंग्स कहते हैं। एक्सिटर, कार्डिफ और ईस्टबोर्न में इस
प्रकार की हस्टिंग्स में पार्टी मेंबर्स के बीच सुनक की छवि पूर्व
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से गद्दारी कर सत्ता हथियाने की लालसा रखने वाले
नेता की बनाई जा रही है।
ट्रस चीन पर निर्भरता घटाने की पक्षधर
दूसरी
ओर, ट्रस का मानना है कि ब्रिटेन को चीन पर से निर्भरता कम करनी चाहिए।
देश की अहम बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए चीन पर निर्भरता रोकेंगी।
व्यापार और निवेश के माध्यम से चीन के मुकाबले राष्ट्रमंडल को मजबूत बनाना
चाहेंगी। इसके साथ ही ब्रिटेन को चीनी स्वामित्व वाले टिकटॉक पर नकेल कसनी
चाहिए।