केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 जनवरी को दिल्ली की CM आतिशी को चिठ्ठी लिखीं। शिवराज ने दिल्ली सरकार पर किसानों के लिए केंद्र की योजनाओं को लागू नहीं करने का आरोप लगाया।
शिवराज ने लिखा कि, पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के किसान भाईयों-बहनों के साथ धोखा किया है। केजरीवाल ने सरकार में आते ही जनता के फैसले लेने की बजाय अपना रोना रोया है।
चौहान की चिट्ठी पर दिल्ली की CM आतिशी बोलीं- बीजेपी का किसानों के बारे में बात करना वैसे ही है, जैसे दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो। जितना बुरा हाल किसानों का इनके समय हुआ, उतना कभी नहीं हुआ। पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, मोदी जी से कहिए उनसे बात करें। किसानों के साथ राजनीति करना बंद करें क्योंकि बीजेपी के राज में किसानों पर गोलियां-लाठियां चलाई गई थीं।
शिवराज ने लिखा- दिल्ली सरकार में किसानों के लिए कोई संवेदना नहीं
शिवराज सिंह ने लेटर में लिखा कि, दिल्ली सीएम ने किसानों के हित में कभी उचित निर्णय नहीं लिए। केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को भी आप की सरकार द्वारा दिल्ली में लागू करने से रोका गया है। आपकी सरकार में किसानों के लिए कोई संवेदना नहीं है। आज दिल्ली के किसान भाई बहन परेशान और चिंतित है। दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र की अनेक किसान कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं किये जाने से किसान भाई-बहन इन योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। मैने पूर्व में भी आपको पत्र लिखकर दिल्ली के किसानो की समस्याओं से अवगत कराया था लेकिन यह चिंता का विषय है कि आपकी सरकार ने इन समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया है।
शिवराज ने लिखा- AAP की नीतियां कृषि और किसान विरोधी
लेटर में शिवराज ने आप पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। कृषि मंत्री ने लिखा- दिल्ली में न सिर्फ केंद्र सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं को आपने लागू नहीं किया है बल्कि आपकी नीतियां भी कृषि एवं किसान विरोधी रही है। मुझे दिल्ली के किसानों ने बताया है कि दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर, हार्वेस्टर जैसे आवश्यक कृषि उपकरणों का पंजीकरण कमर्शियल व्हीकल श्रेणी में किया जा रहा है जिससे किसानों को अधिक दाम में अपने कृषि उपकरण खरीदने पड़ रहे हैं। आप फ्री बिजली की बात करती हैं लेकिन दिल्ली में आप की सरकार ने किसानों के लिए उच्च बिजली दरें निर्धारित कर रखी है। किसानों से वर्तमान में दिल्ली में बिजली के लिए वाणिज्यिक दरों पर शुल्क लिया जा रहा है। सिंचाई एवं अन्य कृषि कार्यों के लिए सस्ती बिजली जरूरी है लेकिन दिल्ली में किसानों से कृषि बिजली के लिए बड़ी राशी वसूली जा रही है।