मणिपुर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों ने इंफाल ईस्ट और कांगपोकपी जिलों में बने बंकरों को नष्ट कर दिया है। मणिपुर पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
ये बंकर थम्नापोकपी और सनसाबी गांवों की सीमा से लगे इलाकों में बनाए गए थे। जहां से पहाड़ियों पर रहने वाले बंदूकधारी निचले इलाकों के गांवों पर हमला कर रहे थे।
इसके अलावा 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन भी चल रहा था। सेना ने 23 दिसंबर से 27 दिसंबर तक इंफाल ईस्ट, टेंग्नौपाल, यांगियांगपोकपी और चूराचांदपुर से 9 हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया।
कब-कब हथियार बरामद किए
23 दिसंबर- एक लाइट मशीन गन, एक 12 बोर सिंगल बैरल गन, एक 9 मिमी पिस्तौल, दो ट्यूब लांचर, विस्फोटक, गोला-बारूद। 27 दिसंबर- 0.303 राइफल, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) और ग्रेनेड बरामद हुए। 28 दिसंबर- दो वाहनों से दो डबल बैरल और एक सिंगल बोर राइफल बरामद की।
मणिपुर में पिछले 2 महीने की घटनाएं
28 दिसंबर: थामनपोकपी और सानासबी में गोलबारी में एक महिला और वीडियो जर्नलिस्ट घायल हो गए।
27 दिसंबर: सनसाबी इलाके में उग्रवादियों से मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और एक स्थानीय युवक घायल।
15 दिसंबर: बिहार के 2 मजदूरों की गोली मारकर हत्या। थौबल एनकाउंटर में 1 उग्रवादी ढेर, 6 गिरफ्तार।
17 नवंबर: जिरिबाम जिले में पुलिस की गोली से मैतेई प्रदर्शनकारी की मौत, जिसके बाद हालात और बिगड़ गए।
11 नवंबर: सुरक्षाबलों ने जिरीबाम में 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था। इन्होंने 6 मैतेई को किडनैप किया था।
सीएम ने कहा था- कुकी-मैतेई आपसी समझ बनाएं
मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह ने 25 दिंसबर को कहा था- मणिपुर को तत्काल शांति की जरूरत है। दोनों समुदायों (कुकी-मैतेई) आपसी समझ बनाएं। बीजेपी ही मणिपुर को बचा सकती है, क्योंकि वो 'एक साथ रहने' के विचार में विश्वास करती है।
उन्होंने कहा था कि आज मणिपुर में जो कुछ हो रहा है उसके कई कारण हैं। आज जो लोग राज्य को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, वे पूछ रहे हैं कि सरकार क्या कर रही है। लोग सत्ता के भूखे हैं। हम किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। भाजपा का रुख स्पष्ट है। हमने पुलिस और लोगों के बीच संबंध बनाने शुरू कर दिए हैं।
मणिपुर में जम्मू-कश्मीर जैसा ऑपरेशन 'क्लीन'
जम्मू-कश्मीर की तरह मणिपुर में सुरक्षाबल ऑपरेशन क्लीन चला रहे हैं। इसी ऑपरेशन का असर है कि 30 दिन में न केवल हथियार-गोला बारूद की कोई बड़ी खेप जब्त हुई है, बल्कि उग्रवादी संगठनों के 20 से अधिक कैडरों को भी दबोचा गया है।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि हमारा फोकस उग्रवाद वाले बफर इलाकों में सबकुछ न्यूट्रल करने पर है। इनमें वे इलाके भी शामिल हैं, जहां बीते डेढ़ साल में किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई। वहीं, पूरे राज्य में सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज की 288 कंपनियों में करीब 40 हजार जवान तैनात हैं।
मणिपुर में जातीय हिंसा के 600 दिन पूरे
मणिपुर में कुकी-मैतेई के बीच मई 2023 में हिंसा जारी है। इसे 600 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं। अलग-अलग घटनाओं में दोनों ही समुदाय के 250 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। अब तक 11 हजार FIR दर्ज की गईं हैं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया है।