आम आदमी को जुलाई में महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है। शुक्रवार को जारी किए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर जुलाई में घटकर 6.7% हो गई। जून में ये 7.01% थी। महंगाई का ये 5 महीनों का निचला स्तर है।
खाने पीने का सामान खास तौर पर खाने का तेल और सब्जियों की कीमतों के घटने की वजह से महंगाई कम हुई है। जुलाई में फूड इन्फ्लेशन 6.75% हो गई जो जून में 7.75% रही थी। मई महीने में यह 7.97% और अप्रैल में 8.38% थी।
हालांकि, यह लगातार 7वां महीना है, जब रिटेल महंगाई दर RBI की 6% की ऊपरी लिमिट के पार रही है। जनवरी 2022 में रिटेल महंगाई दर 6.01%, फरवरी में 6.07%, मार्च में 6.95%, अप्रैल में 7.79% और मई में 7.04% दर्ज की गई थी।नाइट फ्रैंक इंडिया के रिसर्च डायरेक्टर विवेक राठी ने कहा, 'जुलाई 22 में रिटेल इन्फ्लेशन फूड प्राइस में नरमी के कारण 6.7% पर आ गई। कुछ महीने पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर अंकुश लगाने के सरकारी उपायों के बावजूद फ्यूल इन्प्लेशन में बढ़ोतरी चिंताजनक फैक्टर है।
वर्तमान में, वैश्विक कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में सुधार हुआ है, इससे आने वाले महीनों में भारत में महंगाई में और कमी आनी चाहिए। हालांकि, करेंसी डेप्रिसिएशन जो आयात लागत को बढ़ाता है और इस साल असमान मानसून के कारण फसल की पैदावार में गिरावट भारत में महंगाई के लिए नियर टर्म रिस्क है।'