महंगाई से परेशान हैं और इस खौफ में हैं कि आप अपने बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च उठा पाएंगे या नहीं तो आप अकेले नहीं हैं। UAE जैसे रईस माने जाने वाले देश के पेरेंट्स भी आने वाले समय में उच्च शिक्षा पर होने वाले खर्च के लिए चिंतित हैं।
UAE में हुए एक सर्वे के मुताबिक, 66% पेरेंट्स इस बात के लिए आश्वस्त नहीं हैं कि वे अपने बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च उठा पाएंगे। अभी UAE में 80% लोग अपनी आय का औसतन 40% बच्चों की पढ़ाई पर खर्च कर रहे हैं।
UAE में महंगाई कम फिर भी पढ़ाई की चिंता
बच्चों
की पढ़ाई और घर खर्च के बाद बचे पैसे को सिर्फ बच्चों की उच्च शिक्षा को
ध्यान में रखकर निवेश कर रहे हैं। UAE में महंगाई दर दूसरे देशों से काफी
कम है। बावजूद इसके लोग अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिला पाने के लिए
फिक्रमंद हैं। सर्वे में सिर्फ 34% पेरेंट्स ने कहा कि वे अपने बच्चों की
उच्च शिक्षा का खर्च उठाने में सक्षम हैं।
15% लोग एजुकेशन लोन ले रहे
UAE
में 50% लोगों की औसत मासिक आय 4 लाख रुपए से कम है। इसमें भी करीब डेढ़
लाख रुपए के आसपास बच्चों की स्कूल फीस, ट्यूशन, किताबें आदि में खर्च हो
रहे हैं। जबकि ग्रेजुएशन स्तर पर ही हर साल 10 से 15 लाख रुपए और पोस्ट
ग्रेजुएशन स्तर पर 12 से 17 लाख रुपए सालाना खर्च होता है। इसमें महंगाई दर
को जोड़ दें तो यह और ज्यादा होती है। सर्वे में यह भी पता चला कि 39%
पेरेंट्स बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम निवेश कर रहे हैं, जबकि 15%
लोग लोन लेकर बच्चों की उच्च शिक्षा पूरी कराने की बात कर रहे हैं।
क्या कहते हैं पेरेंट्स
पेरेंट्स के पास रिटायरमेंट तक के लिए बचत की कोई योजना नहीं है
UAE
में चार लाख महीना कमाने वाले परिवारों के पास निवेश तो है, लेकिन बचत
नहीं। इसकी वजह बच्चों की उच्च शिक्षा है। पेरेंट्स अपने बच्चों की उच्च
शिक्षा के लिए खर्च से बचे पैसों का निवेश कर रहे हैं, ताकि उनके निवेश से
इतना रिटर्न मिल जाए कि बच्चों की पढ़ाई हो सके। लेकिन इन परिवारों के पास
आपात खर्च के लिए कोई बचत नहीं है। इनके पास खुद के रिटायरमेंट बाद की
जिंदगी के लिए भी कोई निवेश प्लान नहीं है।