मौसम विभाग ने गर्मी के लिए जारी किए जाने वाले पूर्वानुमान में एक नया प्रयोग किया है। अब चार अलग-अलग रंग के नक्शे भी फोरकास्ट में इलाकेवार बताए जाएंगे। इसी नक्शे के हिसाब से अलर्ट बताया जाएगी। जिस इलाके के नक्शे में लाल रंग होगा वहां दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच खुले में काम करना, मैदान में खेलना, कूदना जोखिम भरा हो सकता है। बाकी तीन नक्शे ग्रे (धूसर), पीला(यलो), ऑरेंज (संतरा) रंग के हैं।
मौसम केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि इन चारों रंगों के आधार पर संबंधित इलाके में अधिकतम तापमान, हवा की रफ्तार, सापेक्ष आर्द्रता (रिलेटिव ह्यूमिडिटी) यानी नमी कितनी हो सकती है, इसका फोरकास्ट किया जाएगा। इसके साथ प्रशासन को सुझाव भी दिया जाएगा कि पूर्वानुमान के आधार पर यदि ऐसा मौसम रहा संबंधित इलाके के लोगों ( मानव शरीर) की सेहत पर क्या असर पड़ सकता है। इस इंडेक्स की यूनिट को भी तापमान की ही तरह डिग्री में दर्शाया जाएगा।
समझें पूर्वानुमान के लिए यह क्यों जरूरी है
डॉ सिंह ने बताया कि अभी तक गर्मी में लू की चेतावनी जारी की जाती थी। इसमें तकनीकी दिक्कत यह आ रही थी कि सभी इलाकों में सामान्य तापमान एक जैसा नहीं होता है लेकिन लू चलने के तय मापदंड एक जैसे थे। यदि किसी शहर या कस्बे में दिन का सामान्य तापमान 43 डिग्री है और वहां अधिकतम तापमान 45 डिग्री दर्ज किया गया तो वह सामान्य से सिर्फ दो डिग्री ही ज्यादा कहलाएगा। लू चलने का मापदंड यह है कि जब दिन का सामान्य से 4.5 डिग्री से 6.5 डिग्री के बीच हो तब लू चलना माना जाता है। इस तकनीकी दिक्कत के समाधान के लिए ही हीट इंडेक्स का फार्मूला लाया गया है।