इसके माध्यम से आवेदन पत्र, परीक्षा के दौरान चेहरों के मिलान और उत्तर देने में लगने वाले समय का विश्लेषण कर फर्जीवाड़े की आशंका को खत्म करने की योजना बनाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि एआई माड्यूल चार प्रकार के डाटा का विश्लेषण कर फर्जीवाड़ा का पता लगाएगा।
पहले चरण में आवेदन पत्रों की स्कैनिंग कर यह पता लगाया जाएगा कि किसी खास शहर में केंद्र विशेष चाहने वालों की संख्या असामान्य तो नहीं है? दूसरे चरण में माड्यूल परीक्षा के दौरान फेस रिकोग्निशन तकनीक से ऐसे लोगों की पहचान करेगा जो दूसरे के नाम पर परीक्षा देने बैठ रहे हैं।
तीसरे चरण में परीक्षार्थियों द्वारा हल किए गए सवालों का विश्लेषण किया जाएगा। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि सवाल हल करने में परीक्षार्थी को कितना समय लगा। अगर सवालों को हल करने में लगने वाला समय एक समान है या फिर असामान्य है तो इसे संदिग्ध माना जाएगा।
परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को तीन अलग-अलग एजेंसियां पूरी कराएंगी। एक एजेंसी ऑनलाइन परीक्षा कराएगी, दूसरी एजेंसी प्रश्न पत्र तैयार करके देगी और तीसरी एजेंसी एआई माड्यूल का काम संभालेगी। अभी तक परीक्षा में दो ही एजेंसियों को लगाया जाता रहा है।
एआई तकनीक से ऑनलाइन परीक्षा के दौरान ही फर्जीवाड़ा पकड़ा जाएगा। इसके जरिये सॉफ्टवेयर परीक्षार्थी के प्रश्नपत्र हल करने के तरीके और समय पर नजर रखेगा। परीक्षार्थी किस प्रश्न पर कितनी देर रुका, प्रश्नों को हल करने में कितना समय लगा, कितनी देर वह खाली बैठा रहा।
इसके आधार पर संदिग्ध की पहचान होगी। अगर अभ्यर्थी सिर्फ 15 से 20 मिनट में सवालों का जवाब दे देता है तो एआई मंडल को रेड अलर्ट भेजेगा कि यहां कुछ गड़बड़ है। किसी केंद्र विशेष का बहुत से अभ्यर्थियों द्वारा विकल्प चुने जाने पर भी रेड अलर्ट भेजा जाएगा।
परीक्षा से पांच मिनट पहले प्रश्नपत्र बनेगा नई व्यवस्था में परीक्षा से पांच मिनट पहले प्रश्न पेपर तैयार होगा। एक एजेंसी 1000 प्रश्नों का बैंक बनाएगी। एक विशिष्ट सॉफ्टवेयर के माध्यम से परीक्षा लेने वाली एजेंसी परीक्षा शुरू होने से पांच मिनट पहले इसी बैंक से प्रश्न पत्र तैयार करेगी।
प्रश्न पत्र ईएसबी के तीन अधिकारियों की निगरानी में तैयार किया जाएगा। कंट्रोल रूम से लाइव निगरानी होगी ईएसबी के लिए पहले से काम कर रही दो एजेंसियों की अनुबंध अवधि समाप्त हो गई है। अब नई एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया जारी है।
इनमें से एक एजेंसी ईएसबी कार्यालय में हाईटेक सीसीटीवी सर्विलांस कंट्रोल रूम तैयार करेगी। यहां से परीक्षा केंद्रों की लाइव मॉनिटरिंग हो सकेगी। एजेंसी परीक्षा केंद्रों पर कैमरे इंस्टाल करेगी। इससे परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले और खत्म होने के एक घंटे बाद तक की गतिविधियों को लाइव देखा जा सकेगा।