भारत में 70 साल बाद फिर चीतों को बसाने की कवायद में नया पेंच फंस गया है। दक्षिण अफ्रीका ने चीते देने से पहले भारत के सामने नई शर्त रख दी है। उनका कहना है कि पहले कूनो नेशनल पार्क से तेंदुओं को हटाया जाए, इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल जांच के लिए यहां आएगा। इसके बाद ही चीतों की शिफ्टिंग के लिए MoU (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग) किया जाएगा। यह खुलासा नामीबिया में भारत लाए जाने वाले 8 चीतों की निगरानी कर रहे अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय के प्रो. एड्रियन ट्रोडिफ ने किया है। प्रो. ट्रोडिफ ने दैनिक भास्कर से चैटिंग के जरिए बात की।
असल में श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए बनाए गए बाड़े में तीन तेंदुए घुस आए हैं। इन्हें निकालने के लिए वन विभाग पिछले 25 दिन से कोशिश कर रहा है, लेकिन तेंदुओं की लोकेशन नहीं मिल पा रही है। टीम यहां पिंजरा रखने के साथ ही बाड़े में बकरा और मुर्गे तक बांध चुकी है, लेकिन सफलता नहीं मिली। वन अधिकारियों का कहना है कि तेंदुओं को निकालने लिए भारी मशक्कत करना पड़ रही है। बारिश के चलते बाड़े में घास बड़ी-बड़ी हो गई है। साथ ही, बारिश से भी काम प्रभावित हो रहा है।
16 अगस्त को मंत्रालय में हुई थी बैठक
मध्यप्रदेश के राज्य मंत्रालय में 16 अगस्त को हुई टाइम लिमिट की बैठक में यह मामला उठा था। इसमें PCCF वाइल्ड लाइफ से कहा गया है कि वह कैमरे लगाकर इन तेंदुओं को सर्च करे। ट्रैंकुलाइज कर उन्हें हटा दें। तेंदुओं को ट्रैंकुलाइज करने के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 2 हाथियों का दल भी मंगाया गया है। 18 अगस्त से दोबारा ऑपरेशन शुरू हुआ है।