दीपिका चिखलिया को आज भी पूरे देश में सीता मां माना जाता है। एक्ट्रेस को आज तक वही प्यार और सम्मान मिलता है जो उन्हें रामानंद सागर की 'रामायण' में सीता की भूमिका निभाने के दौरान मिला था। 'आदिपुरुष' की रिलीज़ के साथ, नेटिज़न्स ने इसकी तुलना महाकाव्य गाथा से की और खुलासा किया कि कैसे फिल्म ने हनुमान और रावण के डायलॉग्स के लिए टपोरी भाषा का इस्तेमाल करके धर्म का मज़ाक उड़ाया। अब दीपिका चिखलिया ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत की और रामायण के बारे में काफी कुछ बताया।दीपिका चिखलिया ने कहा, 'सीता जी की बहुत इमोशनल जर्नी है। जब भी कोई सीता जी बोलता है, तो मैं किसी और को देख ही नहीं पाती हूं। कभी-कभी मैं खुद अपने आप को ही देखती हूं। रामायण पर फिल्में और सीरियल बनाने की जगह आप इसे स्कूलों में विषय की तरह पढ़ाएं। राम एक ऐसा किरदार हैं, जो 14 वर्षों के लिए वनवास चले गए, लेकिन कैकेयी के बारे में उन्होंने कभी बुरा नहीं कहा। रावण में कितनी बुराइयां थीं, लेकिन अच्छाई भी थी। ये कहानियां दिखाइए, दिखाना है तो। जो रामायण रामानंद सागर ने बनाई है, उसमें उन्होंने कोई छेड़छाड़ नहीं की है। ऐसा नहीं है कि रामायण उसके बाद नहीं बनी। उसके 10 साल बाद एक और रामायण बनी थी, लेकिन वो उस मुकाम को हासिल नहीं कर पाई। आपके पास कंटेट की कमी है क्या? तो इसपर क्यों बना रहे हैं। बार-बार इसी पर क्यों बना रहा हर कोई।'रामायण के साथ छेड़छाड़ हो रही- दीपिका चिखलिया
उन्होंने आगे कहा, 'आप ये गलत कर रहे हैं। ये धरोहर है, जिसे आप हानि पहुंचा रहे हैं। अगर कोई 8-10 साल का बच्चा ये देख ले, तो उसको तो यही लगेगा कि यही रामायण है। तो ऐसी चीजें बनाओ ही मत ना। आप कहीं न कहीं आनेवाली पीढ़ी को ज्ञान दे रहे हैं, तो ये मत करिए। सब कुछ अलग करना चाहते हैं, और उस चक्कर में कुछ और ही चला जाता है। दिखाना है तो चौपाइयां दिखाइए रामायण नहीं।'
माता सीता के रूप में दीपिका चिखलिया
इससे पहले Dipika Chikhlia ने इंस्टाग्राम पर सीता माता के अपने कैरेक्टर को दोहराते हुए एक रील शेयर की और लिखा, 'यह पोस्ट जनता की मांग पर है। मैं अपनी भूमिका के लिए हमेशा मिले प्यार के लिए आभारी हूं। मैं सीताजी के रोल से अधिक और कुछ नहीं पा सकती हूं।'दीपिका चिखलिया माता सीता के रूप में
यूजर्स रील को देखकर खुशी से पागल हो गए और सभी ने प्यार से कमेंट्स की बौछार की। एक यूजर ने लिखा, 'आपकी ये एक रील.. क्या कहूं।' एक ने कहा, 'पूरी आदिपुरुष फिल्म पर भारी पड़ रही हैं आप।' वहीं दूसरे ने सीताजी के किरदार के लिए उन्हें अपूरणीय बताया, 'कोई भी आपको सीता जी की भूमिका से रिप्लेस नहीं कर सकता।' एक ने लिखा, 'मन में जब भी माता सीता का रूप आता है, उसमें सिर्फ आप ही आते हो, हमेशा आदर, जय श्री राम'। कुछ लोगों ने दीपिका की तुलना कृति सेनन के लुक से भी की।
लोगों ने कही 'रामायण' चलाने की बात
जब फिल्म 'आदिपुरुष' का प्रीमियर सिनेमाघरों में हुआ, फैंस ने इस कई कारणों से इसकी तुलना रामानंद सागर की 'रामायण' से की। लोगों ने रामायण को सिनेमाघरों में फिर से चलाने के लिए कहा। यूजर ने लिखा, 'दूरदर्शन को तुरंत रामानंद सागर जी के रामायण को #AadiPurush नामक महाकाव्य आपदा से बचाएं। नेशनल डिटॉक्स पर इसे फिर से शुरू करना चाहिए।' एक यूजर कॉन्टेंट की गुणवत्ता और वीएफएक्स की तुलना की और कहा, 'आदिपुरुष में आज का वीएफएक्स रामानंद सागर के वीएफएक्स से मेल नहीं खा सकता है।'