मुरैना में प्रेमी के साथ मिलकर पति को नींद की गोलियां खिलाकर नहर में बहाने की आरोपी पत्नी को अपने किए पर अब पछतावा हो रहा है। महिला का कहना है कि पति बात-बात पर पीटता था। मन उसके प्रति गुस्से और नफरत से भर गया था। यही वजह है कि नींद की गोलियां खिलाने के बाद उसे नहर में बहाते समय जरा भी तरस नहीं आया। हां, अब गलती का अहसास हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि हम ही क्यों नहीं मर जाते।
पति को नहर में बहाने के बाद आरोपी महिला 22 महीने तक 80 साल की अपनी सास को ये कहकर गुमराह करती रही कि पति काम करने गुजरात गया है। सास ठीक से देख और सुन नहीं पाती। आरोपी महिला प्रेमी को बेटा बताकर फोन पर सास की बात कराती रही। हत्या का सच तब सामने आया, जब बहन ने भाई से बात की। आवाज उसे भाई की नहीं लगी। शक होने पर बहन, मां को लेकर थाने पहुंची और सारा राज सामने आ गया।
साहब, मेरे पैर में सफेद दाग हैं। ससुरालवाले पति (विश्वनाथ) से कहते थे कि इसके सफेद दाग हैं, इसे घर से निकाल दो, नहीं तो कुल खानदान में दाग लग जाएगा। एक बार पति इसी वजह से मुझे छोड़कर चला गया था। उसे मैं बाद में खोजकर लाई थी। जब वह बात-बात पर रोज पीटने लगा तो मन दुखी हो गया।
अरविंद सखवार हमारे यहां बटाईदार का काम करता था। हमारे यहां रोज आता। मैं उसकी तरफ आकर्षित होकर खिंचती चली गई। हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। हमारा प्यार पिछले 5 साल से चल रहा था।
घटना वाले दिन सुबह 11 बजे बाजरे की रोटी को मीढ़कर लड्डू बनाए और नींद की गोलियां मिला दी। इसके बाद पति को खिला दिए। उसे नींद आने लगी तो उसे पहले दूध के डिब्बे ले जाने वाली गाड़ी में बैठाकर दिमनी लाए। इसके बाद अरविंद मोटरसाइकिल लेकर आ गया। पति को बेहोशी की हालत में ही मोटरसाइकिल पर बैठाकर सिकरौदा नहर के किनारे एक सुनसान जगह पर ले गए। दोपहर 2.30 बजे हम एक जगह रुके।