बाढ़ में फंसे व्यक्ति ने कैसे गुजारे 7 दिन

Updated on 19-08-2022 06:38 PM
मैं 11 अगस्त को बकरियां चराने गया था। तब बेतवा नदी में पानी कम था। पता ही नहीं चला और नदी में अचानक पानी बढ़ने लगा। देखते ही देखते चारों ओर पानी ही पानी हो गया। मैं जहां बकरी चरा रहा था, वो जगह कुछ ऊंचाई पर थी। टापू बन गई। मैं फंस गया। 6 बकरियां भी मेरे साथ फंस गईं। जब परिवार को ये बात पता चली तो पत्नी सुमित्रा नदी किनारे पहुंची। नदी उफान पर थी। किनारे से टापू की दूरी ज्यादा नहीं थी कि पानी के तेज बहाव और गहराई देखकर डर लग रहा था। किसी की मुझ तक पहुंचने की हिम्मत नहीं हो रही थी। आखिर में पत्नी घर से आटा लाई और उसे एक ट्यूब पर रख दिया। एक रस्सी ट्यूब में बांधी, उसी रस्सी का दूसरा सिरा पत्थर से बांधा। उसने संकरे पाठ से (जहां नदी के किनारों की दूरी कम लेकिन गहराई और बहाव ज्यादा है।) मेरी तरफ उस पत्थर को फेंका। पत्थर टापू तक पहुंच गया था, मैंने रस्सी को खींच लिया। इसके बाद पानी और चढ़ता गया। ये संकरे किनारे भी डूब गए और फिर मदद नहीं पहुंच पाई। मेरे पास माचिस रहती है। आसपास से लकड़ियां तोड़कर उसी आटे को पकाया। रोज थोड़ा-थोड़ा खाता रहा। पांच दिनों में ये भी खत्म हो गया। फिर दो दिन भूखा ही रहा। बकरियों के लिए यहां चारा बहुत था। उनकी चिंता नहीं थी, लेकिन पता नहीं कैसे पांच बकरियां इधर-उधर हो गईं। शायद नदी में बह गई हों रात में। बस एक नंदिनी (बकरी) बची।रामसिंह ने बताया, हमेशा एक छाता और तिरपाल लेकर ही बकरियां चराने निकलता था। उस दिन ये साथ ले गया। जब मैं टापू पर फंस गया तो पेड़ों से कुछ लकड़ियां तोड़ीं। तिरपाल लगाकर एक झोपड़ी बना ली। यहीं, थककर बैठता था और रात गुजारता था। सांप और दूसरे जहरीले कीड़ों का डर हमेशा रहता था। एक दिन एक सांप दिखा भी था, पर वो अपने रास्ते निकल गया।

जब पानी और बढ़ने लगा, तो मुझे बाहर निकाला

पहले घर वालों को उम्मीद थी कि नदी का पानी कम होने लगेगा, लेकिन जब पानी और बढ़ने लगा तो परिवार के लोगों ने प्रशासन को खबर कर दी। प्रशासन की टीम ने बुधवार को बोट पर बिठाया और गांव की ओर लेकर आए।

हर साल टापू पर फंसते हैं लोग

गांव के ही रहने वाले उमाशंकर कुशवाहा ने बताया कि बेतवा नदी उनके गांव से लगी हुई है। मछली पकड़ने वाले, भैंस या बकरी चराने वाले जब जाते हैं तो नदी का जलस्तर बढ़ने से वो कई बार टापू पर फंस जाते हैं और 2-3 दिनों तक फंसे रहते हैं। उन्हें ट्यूब की मदद से बाहर निकाल भी लेते हैं। इस बार बहाव तेज होने के कारण रामसिंह सात दिन फंसे रहे।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 21 April 2025
भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर-चंबल के साथ मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से के शहरों में भी गर्मी बढ़ गई है। रविवार को सीधी में पारा 44 डिग्री के पार पहुंच गया,…
 21 April 2025
बैरसिया रोड स्थित लांबाखेड़ा में रविवार शाम करीब 6:45 बजे उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक पार्किंग में खड़े डीजल टैंकर में अचानक आग लग गई। चश्मदीदों के मुताबिक,…
 21 April 2025
भोपाल के लोअर लेक स्थित एमपी क्याकिंग केनोईंग एसोसिएशन क्लब (पुराना फिश एक्वेरियम) के सामने रविवार को नेवल एनसीसी कैडेट्स की एलुमनी मीट हुई। इसमें पूरे देश से विभिन्न वर्षों…
 21 April 2025
भोपाल की सड़कों पर एक ई-ट्राइसाइकिल दौड़ती नजर आती है। पीछे जोमेटो का फूड बॉक्स रखा होता है। ऑनलाइन खाना मंगाने वाले जब देखते हैं कि फूड डिलेवरी बॉय एक…
 21 April 2025
अगर आप एमपी नगर और आसपास के इलाकों में पैदल चलकर आते-जाते हैं, तो सतर्क हो जाइए। क्षेत्र में मोबाइल झपटमार गैंग एक बार फिर सक्रिय हो गया है। महज…
 21 April 2025
मप्र में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने के खिलाफ लगाई गई 52 ट्रांसफर पिटीशन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इन याचिकाओं को एमपी हाईकोर्ट से सुप्रीम…
 21 April 2025
भोपाल में खेलते-खेलते लापता हुए दो मासूम बच्चे देर रात आनंद नगर चौकी के पास मिल गए। 7 साल के लड़के और 3 साल की लड़की के लापता होने से…
 21 April 2025
मध्यप्रदेश सरकार की विज्ञान मंथन यात्रा के तहत चुने गए बच्चों को देश की बड़ी-बड़ी वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं और संस्थान दिखाए जाते हैं, ताकि वे किताबों से बाहर निकलकर असली विज्ञान…
 21 April 2025
शहर में चाकूबाजी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार देर शाम अशोका गार्डन थाना क्षेत्र में एक बार फिर आपसी रंजिश का मामला हिंसा में तब्दील…
Advt.