देश में कोविड संबंधी पाबंदियां हटने और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बहाल होने का सबसे ज्यादा फायदा होटल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को हो रहा है। बीते दो वर्षों में सबसे अधिक नुकसान भी इसी सेक्टर ने उठाया था। फिर हालात तेजी से बदले और इस साल पहली छमाही में होटल ऑक्यूपेंसी डेढ़ गुना बढ़ गई।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर नजर रखने वाली फर्म एचवीएस एनारॉक के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में होटलों के उपलब्ध कमरे 64.7% भर गए (ऑक्यूपेंसी)। इसके साथ ही साल की पहली छमाही में होटल ऑक्यूपेंसी 56-58% के स्तर पर पहुंच गई। यह बीते साल की पहली छमाही की तुलना में 50% ज्यादा, लेकिन कोविड पूर्व स्तर से 18% तक कम है।
रिपोर्ट के मुताबिक बीती छमाही होटलों का औसतन किराया 5,500 रुपए प्रति कमरा से ऊपर निकल गया। यह 2021 की पहली छमाही में होटलों के औसत किराए से 44-46% ज्यादा है। किराया और ऑक्यूपेंसी बढ़ने से होटलों की प्रति रूम आय भी सालाना आधार पर 130% बढ़कर 3,100-3,300 रुपए के स्तर पर पहुंच गई।
एयर ट्रैफिक दो तिहाई बढ़ने से फायदा
बीती छमाही एयर ट्रैफिक में 67% से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। एचवीएस एनारॉक के प्रेसिडेंट (दक्षिण एशिया) मनदीप एस लांबा ने कहा, ‘इस उत्साही ट्रैवल सेंटिमेंट से होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को ऊंचाई मिल रही है। हालांकि वैश्विक मंदी और महंगाई का डर सेक्टर को प्रभावित कर सकता है।’