'होली साल में एक बार पड़ती है, जुमे की नमाज तो हर सप्ताह पड़नी है। स्थगित भी हो सकती है। कोई बाध्यकारी तो है नहीं। अगर कोई व्यक्ति नमाज पढ़ना ही चाहता है तो अपने घर में पढ़ सकता है। जरूरी नहीं कि वह मस्जिद में ही जाए। जाना है, तो रंग से परहेज न करे।' सीएम योगी आदित्यनाथ का यह कमेंट संभल के सीओ अनुज चौधरी के बयान के बाद आया। अनुज चौधरी ने क्या कहा, यह बताने से पहले ये जानते हैं कि होली और नमाज से जुड़े बयान क्यों चर्चा में हैं?
1961 के बाद पहली बार बना ऐसा संयोग दरअसल 64 साल के बाद होली का त्योहार और रमजान का शुक्रवार एक साथ पड़ रहा है। 14 मार्च को होली है, इस दिन रंग खेला जाएगा। इस दिन शुक्रवार भी है। इससे पहले 1961 में 4 मार्च (शुक्रवार) को होली और रमजान का शुक्रवार साथ-साथ था। 1961 में किसी तरह के तनाव या दंगे-फसाद का रिकॉर्ड नहीं मिलता है। मुस्लिमों में शुक्रवार की अहमियत आम दिनों के मुकाबले ज्यादा होती है। शुक्रवार जब रमजान महीने का हो, तो उनके लिए इसका महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन होली भी है और रंग खेला जाएगा। इसलिए पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
2022 में कानपुर और लखनऊ में हुआ था बवाल 2022 में भी होली और शुक्रवार एक साथ पड़े थे। उस समय कानपुर और लखनऊ से बवाल की खबरें आई थीं। कानपुर में जुलूस के दौरान धार्मिक गीत बजाने को लेकर दो समुदायों में झड़प हुई थी। पथराव, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आई थीं। कई इलाकों में इंटरनेट बंद करना पड़ा था। इसी तरह लखनऊ में भी कुछ क्षेत्रों में छोटी-मोटी झड़पें हुई थीं।
2022 में विधानसभा चुनाव भी हुआ था। चुनाव के लिए यूपी को केंद्र से मिली फोर्स काे होली तक रोक लिया गया था। इसलिए हालात पर जल्दी काबू पा लिया गया।
इस बार ज्यादा अलर्ट प्रशासन क्यों? 2024 में बहराइच और संभल में हिंसा के मामले सामने आ चुके हैं। बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक व्यक्ति की जान चली गई थी। वहीं, नवंबर, 2024 में संभल में शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद हो गया था। मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए थे। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस बार प्रशासन नहीं चाहता कि हालात बिगड़ें।
संभल सीओ ने कहा- घर में पढ़ें नमाज 6 मार्च को को संभल में पीस कमेटी की बैठक में सीओ अनुज चौधरी ने कहा था- शुक्रवार तो साल में 52 बार आता है, होली एक बार आती है। अगर रंग से परहेज है तो नमाज घर में ही पढ़ लेना। हालांकि, बाद में अनुज चौधरी ने कहा- मेरा स्पष्ट संदेश है, जिसमें कैपेसिटी हो रंग खेलने की, जिसका बड़ा मन हो वह बाहर निकले। नहीं तो अनावश्यक कोई भी आदमी बाहर न निकले। अपने बच्चों के साथ घर में बच्चों के साथ रहे। अपने घर में नमाज पढ़े। घर में भी तो पढ़ते हैं। कोरोना टाइम में भी तो घर में पढ़ी। साल में 52 जुमे आते हैं। इत्तफाक से इस बार जुमा होली के दिन आया है। यह बहुत छोटी-सी बात है। मैं यह चाहता हूं कि सब मिलकर होली खेलें। रंग से कोई छोटा बड़ा नहीं होता।