पंजाब में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की हत्या की साजिश का खुलासा हुआ है। पंजाब पुलिस का दावा है कि खालिस्तान समर्थक और सांसद अमृतपाल के समर्थक इसकी तैयारी कर रहे थे। हालांकि ये वारदात को अंजाम दे पाते कि इससे पहले वॉट्सऐप ग्रुप की चैट लीक हो गई। ये वॉट्सऐप ग्रुप 'वारिस पंजाब दे' और 'अकाली दल मोगा जत्थेबंदी' के नाम से बने थे।
उनकी हिटलिस्ट में केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू और सीनियर अकाली नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया भी थे। अमृतपाल के समर्थक उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) की अवधि बढ़ाने से गुस्से में थे। इसी वजह से खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है।
इसका खुलासा होने के बाद पुलिस ने अमृतपाल के 25 से 30 समर्थकों के खिलाफ मोगा में FIR दर्ज कर ली है। जिसके बाद 2 समर्थकों को अरेस्ट कर लिया गया है। इनमें एक आरोपी लुधियाना में खन्ना के न्यू मॉडल टाउन का बलकार सिंह और दूसरा मोगा का नाबालिग है।
ये सब हत्या की साजिश वाले ग्रुप से जुड़े हुए थे। मोगा रेंज के DIG अश्वनी कपूर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जल्दी ही सारे आरोपी पकड़ लिए जाएंगे।
लीक हुई वॉट्सऐप चैट की 3 अहम बातें...
1. चैट में टारगेट नंबर और उसकी वजह भी बताई पंजाब पुलिस के मुताबिक जो चैट लीक हुई, उसमें मुख्य रूप से तीन बातों का जिक्र किया गया है। ग्रुप में खन्ना के बलकार ने लिखा है - पहला नंबर बिट्टू लुधियाना वाले का है, जिसकी वजह से अमृतपाल सिंह खालसा जेल में है। दूसरा नंबर मजीठिया का है, जिसने अमृतपाल सिंह खालसा को गिरफ्तार करने के लिए दस करोड़ रुपए दिए हैं। तीसरे नंबर पर अमित शाह हैं, जिन्होंने तीसरी बार भाई अमृतपाल पर एनएसए लगाई है।
2. ग्रुप में 644 लोग शामिल, अमृतसर-तरनतारन के ज्यादा फिर ग्रुप में पूछा गया गया कौन जाने के लिए तैयार है। संधू पवन नामक यूजर ने लिखा- खालसा जी, मैं शहीदी प्राप्त करने के लिए तैयार हूं। कोई जत्थेबंदी है, जिन्होंने शहीदों के परिवार को संभाला है। इस ग्रुप में 644 लोगों होने के शामिल होने की बात सामने आई है। इस ग्रुप में अधिकतर लोग तरनतारन, अमृतसर, बाबा बकाला के हैं। जालंधर, होशियारपुर सहित अन्य इलाकों के लोग भी इस ग्रुप में जुड़े हैं।
3. वॉट्सऐप पर लिखने से भी रोकते रहे कुछ आरोपी लीक हुई वॉट्सऐप चैट में यह भी सामने आया कि ग्रुप से जुड़े कुछ आरोपी दूसरों को ये बातें लिखने से रोकते रहे। लखदीप ने लिखा कि ऐसी बातें वॉट्सऐप पर नहीं करनी चाहिए, एजेंसियां पढ़ती रहती हैं। भाऊ नाम के व्यक्ति ने लिखा कि ग्रुप में मुखबिर भी बहुत हैं।