अभी तक प्रभावितों की सरकार ने कोई सुध नहीं ली।यह क्षतिग्रस्त डैम भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की निशानी है - पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ—————-
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आज धार ज़िले के कारम नदी पर बने क्षतिग्रस्त बांध को देखने पहुंचे।
उन्होंने क्षतिग्रस्त बांध का अवलोकन किया।
बरसते पानी के बीच उन्होंने धार ज़िले की धरमपूरी तहसील के दूधी गांव में पहुंचकर प्रभावित ग्रामीण जनों से बातचीत की , उनका हाल जाना , प्रभावितों से मिलकर वास्तविकता को जाना।
प्रभावित किसानों ने कमलनाथ जी को बताया कि इस आपदा में उनकी फसल बह गई है , घर बह गए हैं , खेत की मिट्टी भी बांध के पानी के साथ बह गई है , खेतों में पानी में बहकर पत्थर आ गये है , जिससे आगे से अब खेती करना भी मुश्किल होगा।
हम अभी भी पहाड़ों व जंगलो में रह रहे है।
सरकार ने अभी तक कोई सर्वे कार्य शुरू नहीं किया है , ना हमें कोई मुआवज़ा मिला है , ना हमारी कोई सुध लेने अभी तक आया है।
प्रभावित ग्रामीणजनो व जनप्रतिनिधियो ने उन्हें बताया कि इस बांध के निर्माण में भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण की उन्होंने शुरू से कई शिकायतें की लेकिन सारी शिकायतों को अनदेखा किया गया , जिसके कारण यह स्थिति बनी।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जाँच कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा कहा कि जो जिम्मेदार लोग हैं , उन्हीं की कमेटी बनाकर सरकार इस पूरे भ्रष्टाचार पर लीपापोती का प्रयास कर रही है।
नाथ ने मीडिया से चर्चा में बताया कि यह डैम भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की निशानी है , उनकी एक बड़ी लापरवाही है।मैं आज ख़राब मौसम में यहाँ आया हूँ , यह देखने कि किस प्रकार शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का डैम फूटा है।
इसके कारण कई बेकसूर लोगों को प्रभावित होना पड़ा है।
कई प्रभावित लोगों की जीवन रेखा इससे समाप्त हो चुकी है।मेने आज देखा कि किस प्रकार से यह डैम मिट्टी से बना हुआ है।
मेने अपनी सरकार में ई-टेंडर को लेकर कार्यवाही शुरू की थी , कार्यवाही चल रही थी कि हमारी सरकार गिरा दी गयी।आज मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की बाढ़ आयी हुई है।इससे हर वर्ग प्रभावित है।
आज हर ठेके में भ्रष्टाचार है , जब तक भ्रष्टाचार ना हो , सौदा पूरा नहीं होता है।
आज इतनी सारी योजनाएँ रुकी पड़ी है क्योंकि दलाली का सौदा पूरा नहीं हुआ है।
इस डैम से धार के 12 और खरगोन के 8 गाँव प्रभावित हुए है , ज़्यादातर आदिवासी गाँव है।
कई प्रभावित किसानो से मिला , जिनकी फसल बह गयी है , घर , बह गये है और वो आज भी जंगल- जंगल भटक रहे है।
सरकार ने इनके लिये कोई प्रबंध नहीं किये।
यह शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का डैम फूटा है।
यह सबूत है कि किस प्रकार पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार की दीमक लग गई है और यह दीमक नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
हर ज़िले में भ्रष्टाचार की व्यवस्था इन्होंने बनायी हुई है।
पंचायत से लेकर मंत्रालय तक यह व्यवस्था बनी हुई है।आज हर ठेके में 30-40% कमीशन का खेल चल रहा है।आज प्रदेश भ्रष्टाचार की पटरी पर चल रहा है।
मेने प्रदेश में निवेश को लेकर प्रयास किये तब सभी ने कहा कि मध्यप्रदेश में भारी भ्रष्टाचार है , हम आना नहीं चाहते है।
जब प्रदेश में निवेश आएगा , तभी प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
आज प्रदेश का भविष्य बहुत बड़े ख़तरे में है।
भाजपा सरकार सिर्फ़ नाटक- नोटंकी और इवेंट से जनता का ध्यान मोड़ने में लगी हुई है।यह लोग बर्बाद हो गये इस पर बात नहीं करेंगे , यह बचाने की बात करेंगे। आज शिवराज जी जब तक झूठ नहीं बोल ले , इवेंट , नाटक-नौटंकी ना कर ले , इनका पेट नहीं भरता।
यह सच्चाई सबके सामने है।
आज बड़ा सवाल यह है कि पानी निकालने की आवश्यकता क्यों पड़ी ? सही ढंग से डैम का निर्माण होता तो यह आवश्यकता ही नहीं पड़ती।
यह तो अभी पहली बारिश थी , आगे पता नहीं भ्रष्टाचार के कारण कितने पुल-पुलिया , डैम बहेंगे।
शिवराज और उनकी पूरी कैबिनेट यह सच्चाई जान चुकी है कि 14 माह बाद कांग्रेस की सरकार प्रदेश में आयेगी।
इसलिये जो समेटना हो , समेट लो , लपेट लो।
हमारी सरकार आने पर हम किसी को भी छोड़ेंगे नहीं।
हमने अपने कार्यकाल में एक विश्वास का चेहरा बनाने का प्रयास किया था।
सभी ने देखा कि किस प्रकार भाजपा ने जनपद , पंचायत व निकाय चुनावों में पैसे , पुलिस , प्रशासन का दुरुपयोग किया।
इसकी इन्हें आवश्यकता क्यों पड़ी ?
क्योंकि ये जानते है कि ये जनसमर्थन खो चुके है। आप किसी का वोट ख़रीद सकते है लेकिन उसकी आत्मा , उसका ज़मीर नहीं ख़रीद सकते है।
सभी जानते है कि इस बांध की मुख्य निर्माण कंपनी दिल्ली की थी , पेटी कांटैक्ट किसी और को दिया , यह सब पहले से ही तय था।उस सार्थक कम्पनी का मालिक कौन , पार्ट्नर कौन , इसका भी जल्द खुलासा होगा।
इन्होंने नर्मदा पौधारोपण से लेकर , व्यापम , ई-टेंडर , अस्पताल , नर्सिंग कालेज , आयुष्मान योजना सभी में भ्रष्टाचार किया।
हमारी माँग है कि जब सारी सच्चाई सामने है तो फिर अभी तक मुआवज़ा क्यों नहीं , किस बात का सर्वे ? सर्वे भी होगा तो ख़राब फ़सलो का होगा , जो ज़मीन ख़राब हो गयी है , घर बह गये है , उसका क्या होगा ? हमारी सरकार द्वारा लाये क़ानून के मुताबिक़ चार गुना ज़मीन का मुआवज़ा दिया जावे और सारा मुआवजा सीमित समय में दिया जावे।
हमारी सरकार के समय जब नीमच- मंदसौर में बाढ़ आयी थी तो मेने एक सप्ताह में मुआवज़ा दिया था। भाजपा सरकार में तो पहले मुआवज़े की फ़ाइल में भी भ्रष्टाचार की तरकीब निकाली जाती है।
इस मामले में तत्काल प्रकरण दर्ज हो , गिरफ़्तारी हो , भ्रष्टाचार की जाँच हो , प्रभावितों को फसल , घर , ज़मीन सभी का मुआवज़ा मिले।
प्रभावित लोगों की मदद के लिए कांग्रेस सड़क से लेकर विधानसभा तक आवाज़ उठायेगी और उनकी हर संभव मदद करेगी।
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नरेन्द्र सलूजा
मीडिया समन्वयक
मीडिया विभाग - म.प्र.कांग्रेस कमेटी