प्रभास और कृति सेनन स्टार फिल्म 'आदिपुरुष' की चारों तरफ किरकिरी हो रही है। उस मूवी को लोग डायलॉग्स की वजह से ताने मार रहे हैं। इतना ही नहीं, बड़े-बड़े दिग्गज भी मैदान में उतर आए हैं और अपने मन की बात कह रहे हैं। रामानंद सागर की 'रामायण' में राम बने अरुण गोविल, सीता बनीं दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण बने सुनील लहरी ने तो इस फिल्म की आलोचना की ही थी। साथ ही मुकेश खन्ना और गजेंद्र चौहान ने भी मेकर्स को खूब खरीखोटी सुनाई थी। अब बीआर चोपड़ा की 'महाभारत' में धृतराष्ट्र बने गिरिजा शंकर ने भी रिएक्ट किया है।गिरिजा शंकर ने कहा है कि ओम राउत की फिल्म में जो भी दिखाया गया है, मेकर्स उससे अच्छा कुछ बना सकते थे। उन्होंने अपने हिट टीवी शो 'महाभारत' की तुलना इस फिल्म से करने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर भाषा बेहतर होती तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं है। 'हिंदुस्तान टाइम्स' को दिए इंटरव्यू में एक्टर ने और भी काफी कुछ कहा है।
गिरिजा शंकर ने 'आदिपुरुष' पर उठाए सवाल
गिरिजा शंकर ने बताया कि उन्होंने अभी फिल्म नहीं देखी है। बस सोशल मीडिया पर वायरल हो रही छोटी-छोटी क्लिप्स, टीजर और ट्रेलर ही देखे हैं। एक्टर ने कहा, 'मुझे ये पसंद नहीं आया है। ये बहुत ही अव्यवहारिक लगा। रियल कंटेंट से ज्यादा इसमें कंप्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन मैं फिल्म पर टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि मैंने नहीं देखी है।'
'महाभारत' की गिरिजा शंकर ने तारीफ की
एक्टर अपने हिट शो Mahabharat को Adipurush के साथ कम्पेयर करने के खिलाफ दिखे। उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता कि लोगों को आदिपुरुष को महाभारत से कम्पेयर करना चाहिए। महाभारत एकदम अलग थी और उसकी अपनी पहचान है। ये एक क्लासिक है और पूरी टीम बहुत-बहुत टैलेंटेड थी। ज्यादा पढ़ी लिखी और कल्चर से लेकर अपनी विरासत, वेद और शास्त्र के बारे में जानकार थी। साथ ही बीआर चोपड़ा, राहिमा सुन रजा, रवि चोपड़ा, पंडित नरेंद्र शर्मा, भिंग तुपकरी, सतीश भटनागर जैसे दिग्गज अपनी इस फील्ड में अनुभवी थे।'
गिरिजा शंकर ने की 'महाभारत' के मेकर्स की तुलना
गिरिजा शंकर ने कहा कि शो के सभी एक्टर्स और टेक्नीशियन भी बहुत शानदार थे। काबिल थे। उनके मुताबिक, 'मुझे नहीं लगता कि कोई भी टेलीविजन धारावाहिक महाभारत की 98% दर्शकों की संख्या का रिकॉर्ड तोड़ पाया है।' इसके अलावा जब एक्टर से फिल्म में उस डायलॉग पर रिएक्शन मांगा गया, जिसमें 'कपड़ा तेरे बाप का...' बोला गया है, इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने इस डायलॉग को सोशल मीडिया की कुछ क्लिपिंग में सुना है। सच कहूं तो मुझे नहीं पता कि मैं इस पर कैसे रिएक्ट करूं। हनुमान या कोई और कैरेक्टर कैसे इस भाषा में बात कर सकता है। जिस तरह से फिल्मों में इन्होंने डायलॉग्स रखे हैं, उससे बेहतर कर सकते थे।'
'आदिपुरुष' के डायलॉग्स पर गिरिजा शंकर
गिरिजा शंकर ने कहा, 'इस टपोरी बोलचाल की भाषा का उपयोग करने की कोई जरूरत नहीं थी, जो जनता की भाषा है। आखिरकार, हम रामायण- राम चरित्रमानस को दिखा रहे हैं और यह सालों और युगों तक देखा जाता रहेगा। मुझे लगता है कि इस भाषा में बात करने की बजाय वो और बेहतर कर सकते थे। वो बात करने का बेहतर तरीका, बेहतर डायलॉग्स लिख सकते थे, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ट्रेंड सेट होता कि कंटेंट कितना अच्छा है। इसे बहुत अच्छी भाषा और शब्दावली में बढ़िया तरीके से दिखाया गया है।'