महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को राहुल गांधी से कहा कि वे महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगें। दरअसल, राहुल ने सोमवार को आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा ने वोटर्स की संख्या में धांधली की।
राहुल ने लोकसभा में दावा किया था कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा ने अपनी जीती हुई सीटों पर करीब 70 लाख नए वोटर जोड़े, जो हिमाचल प्रदेश की पूरी आबादी के बराबर है।
इस पर पलटवार करते हुए फडणवीस ने कहा, 'महाराष्ट्र का अपमान करने के बजाय आत्मचिंतन करें! यह छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, महात्मा फुले और वीर सावरकर की धरती है। सिर्फ इसलिए कि आपकी पार्टी हार गई, आप जनता के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।'
फडणवीस ने आगे कहा, 'अपनी हार पर चिंतन करने के बजाय, आप झूठे आरोप लगा रहे हैं। महाराष्ट्र की जनता आपको इसके लिए माफ नहीं करेगी। राहुल गांधी, माफी मांगें!'
राहुल ने इलेक्शन कमीशन से लोकसभा चुनाव की वोटर लिस्ट मांगी
वोटर्स डेटा में गड़बड़ी का आरोप लगाया नेता विपक्ष बोले कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के वक्त जितना वोट था, सिर्फ 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव के दौरान उसमें हिमाचल प्रदेश जितना बड़ा वोटिंग रोल जोड़ दिया गया। जितने 5 साल में जोड़े जाते हैं, उतने 5 महीने में जोड़ दिए गए।
राहुल ने कहा कि दिलचस्प बात है कि नए वोटर्स उन्हीं विधानसभाओं में ज्यादा हैं, जहां भाजपा जीती है। हिमाचल प्रदेश जितने बड़े वोटर्स लोकसभा के बाद जादू से आए कैसे। इलेक्शन कमीशन से हम कह रहे हैं कि हमें लोकसभा की वोटर लिस्ट इलेक्ट्रॉनिकली दीजिए।
भाजपा नेता श्रीकांत शिंदे बोले- ऐसे बयानों से राहुल की निराशा झलकती है
इसे लेकर महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र चुनाव को लेकर किए गए उनके दावे निराधार हैं और इससे दिखाता है कि वे लगातार हार की वजह से निराशा में हैं।
शिंदे ने कहा कि राहुल झूठे आरोप लगाकर सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक जिम्मेदार नेता के लायक व्यवहार नहीं है, बल्कि उनकी राजनीतिक हताशा को दिखाता है। शिवसेना की मांग है कि राहुल गांधी महाराष्ट्र की जनता ही नहीं, बल्कि पूरे देश से माफी मांगें।
शिंदे ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की बातें सिर्फ भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने और कांग्रेस की लगातार हार को छिपाने का तरीका हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में पिछले 30 वर्षों में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई, जो हमारे लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है। इसका पूरा श्रेय चुनाव आयोग को जाता है, जिसने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराए।
शिंदे ने कहा, 'राहुल गांधी की बेबुनियाद बातें जनता की मर्जी से ऊपर नहीं जा सकतीं। 2024 के विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी (MVA) की करारी हार बाहरी वजहों से नहीं, बल्कि उनकी खुद की गलतियों, अहंकार और विचारधारा के टकराव की वजह से हुई।'
महाराष्ट्र में 23 नवंबर 2024 को बनी थी महायुति सरकार
पिछले साल 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। महायुति को 230 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा ने 132, शिवसेना ( एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं।
वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला महा विकास अघाड़ी (MVA) 46 सीटों पर सिमट गया। शिवसेना (उद्धव) 20, कांग्रेस 16 और NCP (शरद पवार) के हिस्से 10 सीटें आईं। 2 सीटें सपा ने जीती हैं। 10 सीटें अन्य के खाते में गईं।
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। 2019 के मुकाबले इस बार 4% ज्यादा वोटिंग हुई। 2019 में 61.4% वोट पड़े थे। इस बार 65.11% वोटिंग हुई।