जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार के लिए एकमात्र जमीनी रास्ते अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल बंद करने का ऐलान किया है। पहलगाम हमले में 28 पर्यटक मारे गए थे।
भारत इस फैसले से पाकिस्तान को आर्थिक झटका देने की तैयारी में है। वीजा लेकर भारत आए पाकिस्तानी नागरिक गुरुवार (24 अप्रैल) को अटारी चेक पोस्ट से वापस लौटे। भारत सरकार ने उन्हें वापस लौटने के लिए 48 घंटे का समय दे रखा है।
इस बीच कुछ भारतीय परिवार भी अटारी बॉर्डर पर पहुंचे, जिनके पास पाकिस्तान जाने का वीजा था। लेकिन, उन्हें इस पोस्ट से वापस भेज दिया गया है।
यह फैसला बुधवार को कैबिनेट सुरक्षा समिति ने लिया, जिसकी जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सार्वजनिक की। विदेश सचिव मिस्री ने कहा था कि जो यात्री पहले ही इस रास्ते से पाकिस्तान जा चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 तक वापसी की इजाजत होगी।
उसके बाद यह रास्ता बंद हो जाएगा। आज से पहले इस चेक पोस्ट पर सुबह से ही लंबी कतारें लग जाती थीं। जिससे भारत से पाकिस्तान जाने वाले लोग और पाकिस्तानी नागरिक अपने देश लौटने के लिए कतारों में खड़े नजर आते थे।
भारत-पाक व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा अटारी अटारी, अमृतसर से मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और भारत का पहला जमीनी पोर्ट है। यह पाकिस्तान के साथ व्यापार का एकमात्र वैध जमीनी रास्ता भी है। यह चेक पोस्ट 120 एकड़ में फैला हुआ है और सीधे नेशनल हाईवे-1 से जुड़ा है। यह अफगानिस्तान से आने वाले माल के लिए भी एक अहम रास्ता है।
2023-24 में 71 हजार यात्री क्रॉस हुए वर्ष 2023-24 के दौरान अटारी लैंड पोर्ट से 3,886.53 करोड़ का व्यापार दर्ज किया था। जिसमें 6,871 कार्गो मूवमेंट और 71,563 पैसेंजर क्रॉसिंग हुईं थी।
भारत से इस रास्ते से निर्यात होने वाले प्रमुख सामानों में सोयाबीन, चिकन फीड, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक दाना और प्लास्टिक यार्न शामिल है। वहीं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले प्रमुख सामानों में सूखे मेवे, छुहारे, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियां शामिल हैं।
छोटे व्यापारियों पर संकट इस चेक पोस्ट से छोटे व्यापारी, कारीगर और लघु उद्योग बुरी तरह प्रभावित होंगे, जो इस मार्ग पर निर्भर रहते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंध पहले ही पुलवामा अटैक के बाद से कम होते गए हैं और यह फैसला इस संबंध में एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।
अफगान व्यापार पर भी असर अटारी-वाघा रास्ते से अफगानिस्तान से भारत में जो सामान आता है, वह पाकिस्तान के रास्ते होकर आता है। अब जब यह रास्ता बंद हो रहा है, तो वह सामान समय पर नहीं पहुंच पाएगा। इससे सामान लाने-ले जाने में दिक्कतें आएंगी और व्यापार की सामान्य प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है।