सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हितग्राहियों को एक साथ दो माह का राशन वितरण कराना प्रशासनिक अधिकारियों के लिए चुनौती।
अशोकनगर :- गरीबों को खाने की किसी भी तरह की समस्या न हो इसके लिए प्रत्येक माह कोरोना काल में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत प्रत्येक सदस्य के हिसाब से दस किलो राशन का वितरण कराया जा रहा था जिसमें पीएम एवं सीएम की ओर से पांच पांच किलो राशन वितरण कराया जा रहा था लेकिन अब जनबरी माह में प्रत्येक सदस्य को दस किलो की बजाए 20 किलो प्रत्येक सदस्य के हिसाब से जनबरी और फरवरी के एक साथ वितरण कराया जा रहा है।
दो माह का राशन वितरण खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं सरंक्षण विभाग के आदेश के मुताबिक कराया जा रहा है। लेकिन इस तरह दो माह का राशन वितरण कराना खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ साथ अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती दिखाई दे रही है क्योंकि बात की जाए 2021 कोरोना काल की तो अशोकनगर जिले भर में भारी अनियमित्तायें सामने आई हैं।
राशन दुकानों पर नही किया गया वितरण:-
बात की जाए अशोकनगर जिले की तो यहां कोरोना काल में बड़े बड़े राशन घोटाले सामने आए हैं और मुंगावली ब्लॉक की मुड़राखाना और अशोकनगर ब्लॉक की रातीखेड़ा की मारूप राशन दुकान पर मामला दर्ज भी कराया गया। लेकिन यह दो दुकानों पर कार्रवाई करके अधिकारियों ने मात्र रश्म अदायगी मात्र की है जिले भर में देखा जाए तो अधिकांश जगह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का राशन वितरण नही कराया गया और यदि वितरण हुआ है तो मानक अनुसार नही किया गया है।
प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के सभी दावे फैल:-
देखा जाए तो कोरोना काल में सभी हितग्राहियों को उनके हक का राशन दिलाया जा सके इसके लिए अधिकारियों के दल भी गठित किये गए साथ ही सत्ताधारी दल के द्वारा भी अपने वालेंटियर दुकानों पर भेजे गए लेकिन इन सब के बाबजूद राशन वितरण पर हमेशा प्रश्नचिन्ह उठते रहे और कई घोटाले उजागर हुए कुछ मामले दर्ज भी कराए गए लेकिन अब एक साथ दो माह का राशन वितरण कराना अधिकारियों के लिए अवश्य ही चुनौती पेश करता नजर आएगा।