नई दिल्ली: IIT-IIM समेत देश के बड़े संस्थानों में पढ़ाई करने में अब आर्थिक तंगी बाधा नहीं बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एक नई योजना ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ को मंजूरी दी गई। इसका मकसद होनहार छात्रों की आर्थिक मदद करना है। अभी एजुकेशन लोन में गारंटी पेश करने की शर्त छात्रों के लिए एक समस्या बनती है। इस नई योजना में ऐसी कोई शर्त नहीं है। कुछ गिरवी भी नहीं रखना होगा। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस योजना के तहत देश के 1 लाख होनहार छात्रों के लिए 10 लाख तक का शिक्षा लोन दिया जाएगा, जिसमें रियायत भी दी जाएगी। लोन की बड़ी राशि की गारंटी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय देगा।
7.5 लाख रुपये तक की लोन राशि पर भारत सरकार 75% क्रेडिट गारंटी देगी ताकि बैंकों को कवरेज का विस्तार करने में मदद मिल सके। जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और वे किसी अन्य सरकारी स्कॉलरशिप का फायदा नहीं पा रहे हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तक के लोन पर 3 प्रतिशत की ब्याज छूट भी मिलेगी।
रैंकिंग फ्रेमवर्क
नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क की ओवरऑल रैंकिंग, कैटिगरी वाइज रैंकिंग में टॉप-100 में जगह बनाने वाले सभी सरकारी, प्राइवेट और अन्य शिक्षा संस्थान इस योजना के दायरे में होंगे। रैंकिंग में 101-200 की लिस्ट में शामिल राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार के सभी संस्थानों को इसमें शामिल किया गया है।
FCI होगा मजबूत
केंद्र सरकार ने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) का कामकाज बेहतर करने के लिए उसमें 10700 करोड़ रुपये की नई इक्विटी पूंजी डालने का फैसला किया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘अनाज खरीद में FCI बड़ी भूमिका निभाता है। पिछले 10 वर्षों में अनाज की खरीदारी और एमएसपी में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। बढ़ते कामकाज से जुड़ी जरूरत को पूरा करने के लिए यह फैसला लिया गया।’ PM मोदी ने कहा कि यह फैसला किसानों को सहारा देगा।