भोपाल। मुझे पहलवानी कहां आती है, लेकिन खिलाड़ी हूं और खिलाड़ी स्वभाव राजनीति में सदैव काम आता है। सकारात्मक रहकर बड़ा लक्ष्य चुनता हूं। खिलाड़ी कभी नकारात्मक या द्वेष का भाव नहीं रखता है। स्वयं की तैयारी करता है। अच्छी बातों पर ध्यान देकर कमजोरियों को दूर करते हुए आगे की तैयारी करता है।षडयंत्र और छोटी सोच से दूर रहकर बड़े लक्ष्य तय करता है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर 'नईदुनिया' से विशेष चर्चा के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में कही।
डॉ. यादव से प्रश्न किया गया था कि आप पहलवान हैं तो क्या राजनीति में भी पहलवानी दांव-पेंच आजमाते होंगे? उन्होंने सरकार की उपलब्धि, भविष्य की तैयारी, सरकार पर सनातन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की झलक सहित अन्य विषयों पर विचार रखें। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश...
उत्तर- हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्व का सबसे बड़ा नदी जोड़ो अभियान आरंभ करने का काम किया है। केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना ऐतिहासिक निर्णय है। इससे बुंदेलखंड और चंबल अंचल में व्यापक परिवर्तन आएगा। खेती तो समृद्ध होगी ही, उद्योग-धंधों का विकास भी होगा। रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
उत्तर- रोजगारपरक व्यवस्था से प्रधानमंत्री का हमेशा आग्रह रहता है। नवाचार और सुशासन होना चाहिए। इस व्यवस्था में कोई समझौता नहीं करना है। मैं भी उसी लाइन पर चलता हूं कि गलती किसी की है तो फिर छोटा-बड़ा का अंतर नहीं करना चाहिए। छोटे को नाप दो और बड़े को छोड़ दो, ऐसा नहीं होना चाहिए। समाज भी सब देखता है। हमारी नजर में दोनों बराबर हैं।
उत्तर - सनातन भी उसका हिस्सा है पर केवल धार्मिक कर्मकांड तक इसे सीमित नहीं रखना चाहिए। आर्य समाज भी सनातनी है, जो मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता। सनातनी होना बुरा नहीं है, इसमें 33 करोड़ देवी-देवता आते हैं, यह हमारी जीवन पद्धति की एक आचार संहिता है। जीवन को अच्छी बातों से जोड़कर रखना आवश्यक है। जीवन पद्धति में बदलाव लाना भी सनातन का ही हिस्सा है।