नागपुर हिंसा को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र 'सामना' ने लगातार दूसरे दिन भाजपा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा।
लेख में कहा गया है कि नागपुर दंगों का ठीकरा मुख्यमंत्री फडणवीस ने ‘छावा’ फिल्म पर फोड़ा है, जो उनका मनोबल कमजोर होने का संकेत देता है। उन्होंने घोषणा की है कि दंगों के अपराधियों को नहीं छोड़ा जाएगा। मतलब, वे क्या करेंगे?
क्या ‘छावा’ फिल्म के निर्माता, निर्देशक और औरंगजेब की भूमिका निभाने वाले कलाकार के खिलाफ मुकदमा करेंगे? क्योंकि ‘छावा’ फिल्म की वजह से दंगे हुए हैं। इस ‘छावा’ फिल्म के खास शो मुख्यमंत्री ने ही आयोजित किए थे। भाजपा और संघ परिवार की ओर से भी ‘छावा’ का प्रचार शुरू था।
सामना के आर्टिकल के 3 बड़े बयान...
1. चीन-पाकिस्तान के खिलाफ भाजपा का खून नहीं खौलता
मोदी काल में पाकिस्तान ने पुलवामा घटना को अंजाम देकर चालीस जवानों की निर्मम हत्या की। चीन ने भी लद्दाख प्रांत में हमारे सैनिकों का सिर कलम किया। फिर भी देश में पाकिस्तान अथवा चीन के खिलाफ आक्रोश का विस्फोट नहीं हुआ और विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के वीर कुदाल-फावड़ा लेकर पाकिस्तानियों के तंबू उखाड़ने बाहर नहीं निकले। पुलवामा हमला हुआ था, तब नरेंद्र मोदी जिम कॉर्बेट जंगल में ‘सफारी’ का आनंद ले रहे थे और उनका भी खून नहीं खौला।
2. भारत में युवा मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढ रहे
चीन 140 मीटर ऊंचा कांच का पुल बना रहा है, चंद्रमा पर ‘रिसर्च सेंटर’ बना रहा है, हाईस्पीड ट्रेन चला रहा है और भारत में क्या हो रहा है? युवाओं को मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढने के काम में लगाया है। उनके हाथों में मस्जिदों की नींव खोदने के लिए कुदाल और फावड़े थमा दिए गए हैं। अब बोनस के तौर पर औरंगजेब की कब्र खोदने का काम भी दे दिया।
3. मोदी ने युवाओं के हाथों में पत्थर थमा दिए
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं के हाथों में कुदाल, फावड़े और पत्थर थमा दिए और उनके भक्तों को इस पर गर्व हो रहा होगा। कब्र में पड़ा औरंगजेब भी इस पर मन ही मन हंसता होगा। महाकुंभ के सफल आयोजन पर प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में भाषण दिया, लेकिन देश का भविष्य रोज अंधकारमय होता जा रहा है, इस पर वे कुछ बोलते नहीं हैं।
18 मार्च के सामना में लेख- भाजपा के पेट में नया शिवाजी पल रहा
'सामना' ने 18 मार्च को लेख में कहा था कि भाजपा के पेट में नया शिवाजी पल रहा है। इसी वजह से वे छत्रपति शिवाजी के इतिहास को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
सामना ने लिखा था कि लोकसभा में भाजपा के ओडिशा के बारगढ़ से सांसद प्रदीप पुरोहित ने कहा था, ‘हमारे शिवाजी मोदी हैं। मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी थे।’
तो अब भाजपा ने नए शिवाजी को जन्म दिया है और इसके लिए मूल शिवाजी को खत्म करने की उनकी योजना है। फिर छत्रपति शिवाजी महाराज को खत्म करना है तो पहले औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करना होगा। मतलब इतिहास अपने आप नष्ट हो जाएगा।
सामना ने लिखा- फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त
सामना ने लिखा था कि नागपुर का 300 साल पुराना इतिहास है और वहां कभी दंगे नहीं हुए, लेकिन अब शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया गया है। सामना ने पूछा है कि जब फडणवीस खुद होम मिनिस्ट्री संभाल रहे हैं, तो फिर दंगाइयों को शहर में घुसने और आगजनी करने की परमिशन कैसे मिली?
देवेंद्र फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। अगर दंगाई बाहरी थे, तो गृह विभाग और सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं?
नागपुर हिंसा- बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया
नागपुर हिंसा मामले में गुरुवार को बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया है। सोशल मीडिया पोस्ट पर एक यूजर ने धमकी दी कि सोमवार के दंगे तो सिर्फ एक छोटी घटना थी और भविष्य में और बड़े दंगे होंगे।
साइबर सेल ने अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्रवाई की है, साथ ही 10 FIR की गई हैं।
वहीं, पुलिस ने मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान समेत अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, बुधवार को महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने यह संख्या 69 बताई थी। इनमें आठ विश्व हिंदू परिषद (VHP) कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा दिया गया है। मास्टरमाइंड फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।
मंत्री कदम ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो प्रसारित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कदम ने कहा;-
दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने की हिम्मत की है। हम दिखाएंगे कि पुलिस का डर क्या होता है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
दरअसल, सोमवार रात हुई हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें तीन DCP रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। दंगाइयों ने वाहनों में तोड़फोड़ की, पेट्रोल बम फेंके, पथराव किया और कुछ घरों पर भी हमला किया।