भारत के लिए उल्टा पड़ गया चीन का घटिया माल रोकने का दांव! जानिए किसकी बढ़ गई है परेशानी
Updated on
19-04-2025 02:04 PM
नई दिल्ली: सरकार ने चीन से आ रहे घटिया सामान और सस्ते आयात से ग्राहकों को बचाने के लिए कदम उठाया है। लेकिन इससे एक दिक्कत हो गई है। सरकार के इस कदम से इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकार ने एल्युमीनियम, स्टील और तांबे जैसी चीजें पर क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCO) लागू कर दिया है। इससे ऑटोमोबाइल और बिजली के उपकरण बनाने वाली कंपनियों को भी दिक्कत हो रही है। कुछ खास तरह की धातुओं और प्लास्टिक पर भी QCO लागू हो गया है। इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने में होता है। इससे कंपनियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका कहना है कि इससे भारत दूसरे देशों के मुकाबले पिछड़ सकता है।
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक एक बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के अधिकारी ने कहा कि सामान दुनिया भर से आता है, जिसमें चीन, जापान, दक्षिण कोरिया शामिल हैं। जब तांबा या एल्युमीनियम जैसी चीजों पर QCO लागू होता है, तो इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को भी नुकसान होता है। इससे सामान मिलने में दिक्कत होती है। कंपनियों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक सामान पहले से ही अनिवार्य पंजीकरण आदेश (CRO) स्कीम II के तहत आते हैं। उनकी जांच और सर्टिफिकेशन होता है। इसलिए, इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान को QCO से छूट मिलनी चाहिए।
सप्लाई चेन की दिक्कत
इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री का कहना है कि QCO उन चीजों के लिए जरूरी है जिनका इस्तेमाल ज्यादा होता है और जिनमें ज्यादा रिफाइनमेंट की जरूरत नहीं होती। इनमें एल्युमीनियम और स्टील शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए बहुत अच्छी क्वालिटी के कच्चे माल की जरूरत होती है। ये चीजें खास होती हैं और तकनीकी रूप से जटिल होती हैं। भारत में अभी ऐसी चीजों की भरोसेमंद सप्लाई नहीं है। दरअसल, QCO भारत में इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर तनाव चल रहा है। भारत को डर है कि कहीं चीन अपना सस्ता सामान भारत में न भेज दे। एक और अधिकारी ने बताया कि QCO के दायरे में आने वाली कई चीजें मोबाइल फोन और दूसरे गैजेट बनाने के लिए बहुत जरूरी हैं। ये गैजेट भारत में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत बन रहे हैं। उन्होंने कहाकि इन चीजों को अच्छी क्वालिटी के लिए आयात करना पड़ता है। ये भारत में बनने वाले सामान की क्वालिटी बनाए रखने के लिए जरूरी हैं।
क्या है परेशानी
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने भी सरकार को लिखा है कि QCO लागू होने से सामान मिलना बंद हो सकता है और उत्पादन रुक सकता है। उसका कहना है कि सरकार के कदम से सप्लाई चेन बिगड़ जाएगी, उत्पादन लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा और भारत में बने सामान को ग्लोबल वैल्यू चेन (GVC) में शामिल करने में दिक्कत होगी। ICEA ने इलेक्ट्रॉनिक सामान के लिए छूट मांगी है। इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि इन चीजों का आयात खास मकसद के लिए होता है और इनकी मात्रा उन चीजों के मुकाबले बहुत कम होती है, जिन पर QCO लागू है।
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