भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए 'गौ कैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया है। इस गौ कैबिनेट में पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि गौ कैबिनेट की पहली बैठक 22 नवंबर 2020 को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण आगर मालवा में आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तिरूपति बालाजी के दर्शन कर मंगलवार को लौटे हैं जिसके बाद उन्होंने गौ कैबिनेट बनाने का निर्णय लिया है।
वहीं शिवराज सरकार के गौ कैबिनेट के निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश में गौ मंत्रालय बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह अब गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गौकैबिनेट बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने अपनी चुनाव के पूर्व की गयी घोषणा में गौमंत्रालय बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गौ अभ्यारण और गौशालाओं के जाल बिछाने की बात भी कही थी, प्रत्येक घर में भी छोटी-छोटी गौशाला बनाने की भी बात उन्होंने अपनी चुनावी घोषणा में कही थी। अपनी पूर्व की घोषणा को भूलकर शिवराज फिर एक नई घोषणा कर रहे हैं। सभी जानते हैं कि अपनी 15 वर्ष की सरकार में व वर्तमान 8 माह में शिवराज सरकार ने गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए कुछ भी नहीं किया। उल्टा गौमाता के लिये चारे की राशि में कांग्रेस सरकार ने जो बीस रुपये प्रति गाय का प्रावधान किया था, उसे भी कम कर दिया।
कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र में वादा किया था कि हमारी सरकार आने पर हम एक हज़ार गौशालाओं का निर्माण शुरू करायेंगे। हमने अपने वचन को पूरा किया, प्रदेश भर में गौशालाओं का निर्माण व्यापक स्तर पर चालू करवाया। चलो कांग्रेस सरकार के गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए किए जा रहे कामों से भाजपा सरकार को थोड़ी सदबुद्धि तो आयी और उन्होंने गौमाता की सुध लेने की सोची, लेकिन यदि गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए सही मायनों में काम करना है तो कांग्रेस सरकार की तरह ही भाजपा सरकार प्रदेश भर में गौशालाओं का निर्माण शुरू कराये और गौ माता को लेकर अपनी पूर्व की सारी घोषणाओं को पूरा करें तभी सही मायनों में गौमाता का संरक्षण व संवर्धन हो सकेगा।