भोपाल । मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब संगठन में ऊपर से नीचे तक बदलाव तय है। प्रदेश संगठन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। हार की समीक्षा होने के बाद इसकी शुरुआत होगी। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से पिछले दिनों नई दिल्ली में मुलाकात कर चुनाव को लेकर प्रारंभिक फीडबैक दिया है। वहीं, संगठन में बदलाव को लेकर भी चर्चा हुई है। बताया जा रहा है कि उनके भोपाल लौटने के बाद संगठन इस दिशा में काम शुरू करेगा। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस से लेकर संगठन की सभी इकाईयों में बदलाव के स्वर उठने लगे हैं। उपचुनाव के समय जो नियुक्तियां की गई थी, उन्हें निरस्त करने की बात उठ रही है। वहीं, युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल पूरे हो चुके है। महिला कांग्रेस में बदलाव की बात भी काफी समय से उठ रही है। पूर्व मंत्री राजा पटेरिया का कहना है कि संगठनात्मक तौर पर बदलाव आवश्यक है। वैचारिक तौर पर परिपक्व और सक्षम व्यक्तियों को आगे लाना होगा। जब तक वैचारिक तौर पर स्थिति स्पष्ट करने वाले लोग नहीं होंगे, तब तक समस्या बनी रहेगी। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल का कहना है कि दिसंबर में राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष पद स्वीकार कर लेना चाहिए। वे ही कांग्रेस को मजबूत कर सकते हैं। उनके नेतृत्व में ही पुनर्गठन होना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के पूर्व अध्यक्ष केके मिश्रा का मानना है कि कांग्रेस को संगठित रखते हुए हमारी विपक्ष की भूमिका मैदानी और वैचारिक स्तर पर सशक्त हो और मातहत संगठनों में दमदार नेतृत्व उभरकर सामने आए, यह प्राथमिकता होना चाहिए। इन चुनावों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सर्वमान्य जननेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। उनके अनुभव और विधानसभा में विपक्ष का संघर्ष ही कांग्रेस को मजबूती दे सकता है।