शोबिज इंडस्ट्री पर इन दिनों दुख के बादल मंडरा रहे हैं। एक बाद एक, अब तक कई सिलेब्रिटीज इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं। पांच जून की सुबह एक और दुखभरी खबर मिली। 'महाभारत' सीरियल में शकुनि मामा का किरदार निभाकर स्टारडम बटोरने वाले गूफी पेंटल इस दुनिया को अलविदा कह गए। गूफी पेंटल का 5 जून की सुबह हार्ट फेल होने के कारण निधन हो गया। उनके निधन से पूरे बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है।
Gufi Paintal का जन्म 4 अक्टूबर 1944 को पंजाब में हुआ था। गूफी पेंटल के एक छोटे भाई भी हैं, जिनका नाम कंवरजीत पेंटल है। जहां पेंटल ने फिल्मों में करियर बनाया, वहीं गूफी पेंटल इंजीनियर थे। लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर भाई के नक्शेकदम पर चलने का फैसला किया। एक्टिंग में किस्मत आजमाने के लिए गूफी पेंटल 1969 में मुंबई आ गए।
मॉडलिंग से शुरुआत, 'रफूचक्कर' से डेब्यू
मुंबई आने के बाद गूफी पेंटल ने मॉडलिंग से शुरुआत की और साथ ही फिल्मों व टीवी सीरियलों में असिस्टेंट डायरेक्टर का काम पकड़ लिया। इसी बीच 1975 में गूफी पेंटल को पहली फिल्म मिली। उन्होंने 'रफूचक्कर' से एक्टिंग डेब्यू किया। फिर वह 'दिल्लगी', 'देस परदेस', 'दावा', 'सुहाग' और 'घूम' जैसी फिल्मों में आए। लेकिन गूफी पेंटल को फिल्मों से मनचाही लोकप्रियता नहीं मिली।
'शकुनि मामा' बन हो गए अमर
फिल्मों के साथ-साथ गूफी पेंटल टीवी सीरियलों में भी काम कर रहे थे। फिर 1988 में उन्हें बी.आर. चोपड़ा की 'महाभारत' में शकुनि मामा किरदार मिला। इस किरदार ने गूफी पेंटल को घर-घर मशहूर कर दिया। 'महाभारत' पर और भी कई सीरियल बने। कई एक्टरों ने शकुनि मामा का रोल प्ले किया। लेकिन कोई भी एक्टर इस रोल में गूफी पेंटल को मात नहीं दे पाया। असल जिंदगी में भी लोग गूफी पेंटल को 'शकुनि मामा' के रोल से ही जानते थे।
इंडियन आर्मी में थे गूफी पेंटल
बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि गूफी पेंटल फिल्मों में आने से पहले भारतीय सेना में थे। उस वक्त भारत की चीन से जंग चल रही थी। इस बारे में गूफी पेंटल ने 'दैनिक भास्कर' को दिए इंटरव्यू में बताया था। गूफी पेंटल ने बताया था कि साल 1962 में जब भारत और चीन के बीच युद्ध चल रहा था, तो उस वक्त वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन उनका सपना हमेशा से आर्मी में जाने का था। गूफी पेंटल ने बताया था कि भारत-चीन के युद्ध के दौरान उनके कॉलेज में आर्मी के लिए भर्तियां चल रही थीं। जब वह आर्मी में भर्ती हुए तो पहली पोस्टिंग चीन के बॉर्डर पर हुई थी।बॉर्डर पर 'रामलीला' में बनते थे सीता
गूफी पेंटल ने यह भी बताया था कि जब वह चीन के बॉर्डर पर थे, तो वहां आपसी मनोरंजन के लिए रामलीला किया करते थे। उस रामलीला में गूफी पेंटल सीता का रोल किया करते थे। यहीं से गूफी पेंटल की एक्टिंग में दिलचस्पी जागने लगी थी। और फिर वह मुंबई आ गए। यहां कुछ फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम करने के बाद गूफी पेंटल को 'महाभारत' में शकुनि मामा का रोल मिला। गूफी पेंटल ने 'महाभारत' के अन्य किरदारों के लिए भी कास्टिंग की थी।ऐसे बने 'शकुनि मामा'
आपको जानकर हैरानी होगी कि गूफी पेंटल ने खुद शकुनि मामा के रोल के लिए भी ऑडिशन लिया था। उन्होंने तीन अन्य लोगों को इस रोल के लिए चुना था। पर 'महाभारत' के राइटर मासूम रजा ने गूफी पेंटल को ही शकुनि मामा का रोल करने के लिए कहा। इस तरह गूफी पेंटल 'शकुनि मामा' बनकर हमेशा के लिए अमर हो गए।1993 में पत्नी की मौत, परिवार में एक बेटा
गूफी पेंटल के परिवार के बारे में बात करें तो उनकी पत्नी का नाम रेखा था। बताया जाता है कि उनका 1993 में हार्ट अटैक से निधन हो गया। उनका एक बेटा है, जिसका नाम हैरी पेंटल है और वह भी एक्टर है। गूफी पेंटल के भाई कंवरजीत पेंटल भी जाने-माने एक्टर रहे हैं। गूफी पेंटल के पिता गुरुचरण सिंह अपने जमाने के जाने-माने कैमरामेन थे। उनका दिल्ली में एक स्टूडियो भी था। पिता का सपना था कि बेटा इंजीनियर बने, इसलिए गूफी पेंटल ने इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।