महामारी से उबरने के बाद रूस-यूक्रेन संकट का असर, महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों के बीच देश का बैंकिंग सिस्टम मजबूत हुआ है। अप्रैल-जून तिमाही में 31 लिस्टेड बैंकों का ग्रॉस NPA 1.85% घटकर 5.66% रह गया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 7.51% था। 2015 के बाद इतना कम NPA अनुपात कभी नहीं रहा। हालांकि इसमें लोन राइट-ऑफ की भी भूमिका रही है।
सरकारी बैंकों का ग्रॉस NPA रेश्यो सबसे ज्यादा 2.21% घटा है। बीती तिमाही इन का NPA रेश्यो 7.18% रह गया, जो एक साल पहले 9.39% था। इस दौरान प्राइवेट बैंकों के ग्रॉस NPA में 1.10% और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के NPA में 2.07% कमी आई। इसके बावजूद देश के बैंकिंग सिस्टम के कुल NPA में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 80% के आसपास रही, जो लगभग पिछले साल के बराबर ही है।