अशोकनगर :- दो परिवारों मैं हुए विवाद के बाद 21 नवंबर को अशोकनगर जिले में होने वाली बाले आंदोलन को भीम आर्मी ने वापस ले लिया है। देखा जाए तो इस आंदोलन को लेकर प्रशासन काफी चौकन्ना नजर आ रहा था और लगातार धारा 144 का हवाला देकर आंदोलन को रिकने का प्रयास किया जा रहा था और देर शाम अधिकारियों के साथ विधायक एवं भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ दोनो पक्षों के लोगों न बैठकर चर्चा की और उसके बाद आंदोलन को निरस्त करने का निर्णय भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष ने लिया है। दरसल देखा जाए तो मदागन एवं शाडौरा में हुये विवाद के दोनों पक्षो से जुड़े लोगों ने संयुक्त रूप से जिले के वरिष्ट अधिकारियों के साथ बैठक की है जिसमे इस मामले में पूर्व में दर्ज हुई सभी एफआईआर में निष्पक्ष जांच की मांग की है।दोनों पक्षों ने प्रकरणों से संबंधित कुछ तथ्य प्रशासन को बताये है।प्रशासन द्वारा उक्त तथ्यों पर भी जांच कर उचित कार्यवाही का भरोसा दिया गया है।इसके बाद आंदोलन को वापस लिया गया है। इस संयुक्त बैठक में भीम आर्मी,अहिरवार एवं रघुवंशी समाज से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधि के साथ क्षेत्रीय विधायक जजपाल सिंह जज्जी एवं भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश रघुवंशी विशेष रूप से उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि 6 तारीख को मदागन गांव में अहिरवार एवं रघुवंशी समाज के लोगों के बीच एक व्यक्तिगत विवाद हुआ था। जिसे जबरदस्ती कुछ संगठनों के द्वारा तूल दिया गया एवं सोशल मीडिया पर इस मामले को उछाला गया। इसके बाद शाडोरा अस्पताल में डॉक्टरों एवं भीम आर्मी के बीच हुए विवाद में दो अलग-अलग एफ आई आर दर्ज की गई ।यह मामला धरना ,प्रदर्शन एवं आंदोलन से होते हुए चक्का जाम तक पहुंच गया। इसके बाद यह प्रकरण जिले की कानून व्यवस्था एवं शांति के लिए खतरा उत्पन्न हो गया। इसी बीच भीम आर्मी ने 21 तारीख को अशोकनगर जिले में बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी ।इसके बाद लगातार पुलिस प्रशासन इस आंदोलन से निपटने की तैयारी कर रहा था ।करीब एक हजार की संख्या में सुरक्षा बल इस आंदोलन से निपटने के लिए तैयार किए जा रहे थे ।साथ ही जिले में धारा 144 लागू कर दी गई थी। आज ही शाडोरा एवं कोतवाली थाने में इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने पर दो मामले भी दर्ज कर दिए गए थे।
शाम होते होते इस मामले में अचानक बड़ा घटनाक्रम सामने आया ।जब कलेक्ट्रेट में क्षेत्रीय विधायक जजपाल सिंह एवं भाजपा जिला अध्यक्ष उमेश रघुवंशी के के साथ भीम आर्मी ,अहिरवार समाज एवं रघुवंशी समाज के सैकड़ों पदाधिकारी एवं संगठन के दूसरे लोग पहुंचे। इससभी ने कलेक्टर एवं एसपी से के साथ बैठक कर अपने अपने पक्ष रखे। अहिरवार समाज ने शाडोरा अस्पताल में हुई मारपीट के विवाद में कुछ गलत लोगों के नाम जोड़े जाने पर अपने तथ्य प्रस्तुत किए हैं ।जबकि रघुवंशी समाज ने भी प्रकरण में अनावश्यक रुप से डॉक्टरों एवं अन्य लोगो नाम आने एवं ज्यादा धाराएं लगाए जाने को लेकर अपनी बात प्रशासन के सामने रखी है। विधायक जजपाल सिंह जज्जी एवं वरिष्ठ दलित नेता बाबूलाल दैलवार ने मीडिया को बताया कि प्रशासन के समक्ष दोनों पक्षों ने नए तथ्य रखे हैं ,साथ ही इन तथ्यों के आधार पर विवेचना कर निष्पक्ष जांच की मांग की है ।जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है। इसी के बाद भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष बलबीर जडेजा ने आंदोलन को वापिस लेने की घोषणा की है।अखिल भारतीय रघुवंशी छत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष संजय रघुवंशी ने आंदोलन को वापिस लिए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए सभी से शांति बनाये रखने की अपील की है।