दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इन दिनों सीबीआई के रडार पर हैं। दिल्ली में शराब नीति को लेकर चल रहे विवाद पर आप के पूर्व नेता योगेंद्र यादव ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने परमजीत कात्याल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी थी।
योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा, "परमजीत जी ने 7 साल पहले इस घटना के बारे में मुझे जानकारी दी थी। तब मैंने पूछताछ की और पाया कि उनकी बात पूरी तरह सच है। अरविंद केजरीवाल के आदेश पर दिसंबर 2013 में अपने ही MLA को बीजेपी के नाम पर फोन करवाए गए थे। ऐसी करतूतों के कारण हम लोगों का AAP नेतृत्व से मोहभंग हुआ था।"
शराब नीति को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच चल रही तनातनी के बीच बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार की रात ट्विटर पर उन्होंने दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी पर तंज कसा है। अमित मालवीय ने अरविंद केजरीवाल से स्पष्टीकरण की भी मांग की कि जांच के आदेश के तुरंत बाद नई शराब आबकारी नीति को क्यों उलट दिया गया।
अमित मालवीय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, "अगर अरविंद केजरीवाल सत्येंद्र जैन को पद्म विभूषण, सिसोदिया को भारत रत्न और खुद को ऑस्कर के लिए नामांकित करते हैं, तो उन्हें यह बताना चाहिए कि जांच के आदेश के तुरंत बाद नई शराब आबकारी नीति को क्यों उलट दिया गया। इसके लिए कितनी रिश्वत मिली। दिल्ली सरकार को कुल कितना नुकसान हुआ?"
अमित मालवीय ने जो जाहिर तौर पर आप के पूर्व सचिव परमजीत सिंह कात्याल का है। उन्हें अरविंद केजरीवाल का मज़ाक उड़ाते हुए देखा जा सकता है। इसमें उन्होंने भाजपा पर AAP के 35 विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। परमजीत कात्याल ने दावा किया कि उन्हें और अन्य को अरुण जेटली और नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के नाम पर आप विधायकों को पैसे के बदले पार्टी से अलग होने का ऑफर देने के लिए कहा गया था।
कात्याल ने कहा, "मजेदार बात यह है कि जब हमने टीवी पर अरविंद केजरीवाल को यह कहते हुए देखा कि भाजपा उनके विधायकों को बुला रही है और उन्हें खरीदने की कोशिश कर रही है और उन्हें 35 लाख की पेशकश कर रही है। मुझे पहली बार एहसास हुआ मैं कुछ गलत कर रहा था।"
योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा, "परमजीत जी ने 7 साल पहले इस घटना के बारे में मुझे जानकारी दी थी। तब मैंने पूछताछ की और पाया कि उनकी बात पूरी तरह सच है।