भोपाल ब्यूरो:-
बुंदेलखंड की सबसे बड़ी वेतवा नदी को यूपी में एनजीटी के द्वारा संरक्षित किया जा रहा है। वहीं बात की जाए माफियाओं को जमीन में गाड़ देने की बात करने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के मध्यप्रदेश की तो यहाँ माफिया बेख़ौफ नजर आ रहे हैं और वेतवा सहित सहायक नदियों को दिन रात प्रतिबंध के बाबजूद मशीनों से छलनी करने में लगे हुये हैं। जिसको देखकर कहीं न कहीं कहा जा सकता है कि मध्यप्रदेश में खनिज माफियाओं को मुख्यमंत्री की बातों का कतई डर नही है और इसलिए लोगों की शिकायतों के बाबजूद अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के मल्हारगढ़, मतावली आदि गांवों में दिन रात खनिज माफिया मशीनों से नदियों को छलनी करने में लगे हुए है। चौकाने वाली बात यह है की माफियाओं द्वारा अवैध उत्खनन का काला कारोबार केंद्रीय मंत्री व ग्वालियर संभाग के सुपर सीएम की भूमिका में नजर आ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र रहे व गुना सांसद केपी यादव के ग्रह तहसील क्षेत्र के अलावा प्रदेश सरकार के राज्यंमत्री ब्रजेन्द्र सिंह यादव के क्षेत्र में किया जा रहा है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि खनिज माफिया किस तरह राजनीतिक रसूख रखता है जिसके चलते इनके क्षेत्र में धड़ल्ले से रेत का अवैध काला कारोबार फल फूल रहा है।
ब्लॉक व जिले के अधिकारी बने मूकदर्शक :-
एक ओर जहां खनिज माफिया बेखोफ होकर धड़ल्ले से मशीनों से नदियों को छलनी करने में लगा है। वहीं सीएम के लाख निर्देशों के बाबजूद अशोकनगर जिले में कलेक्टर से लेकर तहसीलदार व खनिज विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बनकर दर्शक की भूमिका मैं दिखाई दे रहे हैं।
त्रिपाल से ढक्कर बेंची जा रही रेत:-
क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन करके ठेकेदार द्वारा ट्रेक्टर चालकों को रेत बेंची तो जा रही है। लेकिन इसको पर्दा ढक्कर बेंचने के निर्देश दिए जाते हैं। जिसके चलते ट्रेक्टर चालक ट्राली को पॉलीथिन से ढक्कर बाजारों में बेंचने के लिए लाते हैं।