डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को मिलने वाले संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अटॉनी जनरल के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया है। ट्रम्प से पिछले साल 6 जनवरी को हुई हिंसा और व्हाइट हाउस से जुड़े कुछ डॉक्यूमेंट्स के बारे में पूछताछ की जानी थी।
अमेरिकी संविधान के पांचवें संशोधन के तहत ट्रम्प किसी भी लॉ ऑफिसर के सामने पेशी या गवाही से इनकार कर सकते हैं। ट्रम्प ने एक बयान में कहा- जांच एजेंसी FBI मेरे खिलाफ फर्जी सबूत गढ़ रही है। मेरे करीबियों को परेशान किया जा रहा है। ट्रम्प के घर सोमवार को FBI ने छापा मारकर कुछ डॉक्यूमेंट्स जब्त किए थे।
हर सवाल का जवाब देना जरूरी नहीं
बुधवार को एक बयान में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा- मेरे वकीलों ने सलाह दी है कि मुझे पांचवें संविधान संशोधन के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए। लिहाजा, मैं न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल के सवालों का जवाब नहीं दूंगा।
दूसरी तरफ, अथॉरिटीज का कहना है कि ट्रम्प के खिलाफ टैक्स और इंश्योरेंस के नियमों को तोड़ने समेत कई गंभीर मामले हैं और ये कई साल से पेंडिंग हैं। इसलिए उनका बयान लेना जरूरी है।