केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिनों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। आज मंगलवार को दौरे के तीसरे और आखिरी दिन शाह ने श्रीनगर स्थित राजभवन में उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें अधिकारियों ने उन्हें प्रदेश में चल रही विकास कार्यों की बारे में जानकारी दी। साथ ही कानून-व्यवस्था और सुरक्षा पर भी चर्चा हुई। बैठक में CM उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
इधर, शाह के दौरे के बीच जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े तीन संगठनों ने सोमवार को खुद को अलग कर लिया है। इन संगठनों में जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू एंड कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग, और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट शामिल हैं।
इसपर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा-
यह कश्मीर घाटी में भारत के संविधान पर जनता के बढ़ते विश्वास का प्रतीक है। अब तक 11 संगठन हुर्रियत से नाता तोड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी के एकजुट और शक्तिशाली भारत के दृष्टिकोण को आज और अधिक बल मिला है।
सोमवार को दौरे के दूसरे दिन शाह LoC और कठुआ में BSF की चौकी गए। जहां उन्होंने मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था और हालात का जायजा लिया। फिर शहीदों के परिवारों से राजभवन में मिले और अनुकंपा नियुक्ति पत्र भी बांटे।
इससे पहले 6 अप्रैल (रविवार) को पहले दिन शाह ने BJP विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। इस दौरान गृह मंत्री ने कहा- जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा हमारी नीति का हिस्सा है और इसे उचित समय पर बहाल किया जाएगा। बता दें कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद अमित शाह का यह पहला दौरा है।
शाह बोले- कुछ ही सालों में जवान टेक्नोलॉजी से लैस हो जाएंगे
अमित शाह ने सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों के साथ बातचीत में कहा- कुछ ही सालों में पूरी भारत-पाक और भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सुरक्षा बल के जवान तकनीकी सहायता से लैस हो जाएंगे। तकनीक से संबंधित 26 से अधिक कई कदमों के परीक्षण अभी चल रहे हैं, जिनमें ड्रोन रोधी तकनीक, टनल आइडेंटिफिकेशन तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस जैसी चीजें शामिल हैं।
इससे पहले रविवार को अपने दौरे के पहले दिन शाह ने BJP विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा- केंद्र सरकार सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकवाद और घुसपैठ को लेकर सख्त रणनीति बना रही है। शाह ने कहा-
कुछ जिलों के ऊपरी इलाकों में आतंकियों की मौजूदगी को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, उस पर जवाबी कार्रवाई तेजी से चल रही है। सुरक्षा बल लगातार काम कर रहे हैं। स्थिति पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा।
राज्यसभा में शाह बोले- मोदी ने कश्मीर में लोकतंत्र की नींव रखी
अमित शाह ने 19 मार्च को राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान चर्चा में कहा था कि जम्मू कश्मीर में 2004 से 2014 के बीच 7,217 आतंकी घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2014 से 2024 के बीच यह घटकर 2,242 रह गईं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में नागरिकों की मौत में 81% की कमी, सुरक्षाकर्मियों की शहादत में 50% की कमी और पत्थरबाजी की घटनाएं अब पूरी तरह बंद हो चुकी हैं। वहीं, 2004 में जहां 1,587 आतंकी घटनाएं हुई थीं।
शाह ने कहा- 2024 में केवल 85 घटनाएं हुईं। 2004 में 733 नागरिक मारे गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 26 रह गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में लोकतंत्र की नींव रखी है और अब सरकार आतंकियों को कड़ा और सीधे जवाब देती है।
गृहमंत्री ने आगे कहा- जम्मू-कश्मीर में विपक्ष के 33 साल के शासनकाल में वहां सिनेमाहॉल ही नहीं खुलते थे। हमने 2019 में आर्टिकल 370 हटाया। जी-20 की बैठक में दुनियाभर के राजनयिक वहां गए। हमने वहां सफलतापूर्वक चुनाव करवाए। एक गोली तक नहीं चली।