मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द का उपार्जन 8 अगस्त से 30 सितम्बर तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपार्जन में भ्रष्टाचार की संभावना नहीं हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द के उपार्जन की समीक्षा कर रहे थे। किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि व्यापारियों द्वारा किसानों के नाम पर मूंग और उड़द का विक्रय किया जाए तो उसकी खरीदी किसी भी कीमत पर नहीं की जाए। किसानों से ही मूंग और उड़द का उपार्जन किया जाए। छोटे किसानों की शत-प्रतिशत मूंग और उड़द के उपार्जन को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि जहाँ तक संभव हो इलेक्ट्रानिक तोल कांटों से तुलाई की जाए। खरीदी लक्ष्य के अनुसार सुनिश्चित हो।
741 खरीदी केन्द्र
बैठक में बताया गया कि मूंग एवं उड़द के उपार्जन के लिए 741 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। अभी 32 जिलों में मूंग फसल के लिए 2 लाख 34 हजार 749 कृषकों द्वारा 6 लाख एक हजार हेक्टेयर रकबे का पंजीयन कराया गया है। इसी तरह 10 जिलों में उड़द फसल का 7 हजार 329 कृषकों द्वारा 10 हजार हेक्टेयर रकबे का उपार्जन के लिए पंजीयन कराया गया है। भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम की गाईडलाइन के अनुसार प्रतिदिन प्रति कृषक 25 क्विंटल मात्रा का उपार्जन किया जाना प्रस्तावित है।
मूंग-उड़द का समर्थन मूल्य
बताया गया कि विपणन वर्ष 2022-23 के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7 हजार 275 रूपए प्रति क्विंटल और उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 हजार 300 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।