आदमपुर के रण ने राजनीतिक हरियाणा के दो बड़े परिवारों के बीच दूरियां
मिटा दी। उपचुनाव में जीत के लिए मंच पर जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत
चौटाला और हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई एक
साथ मंच पर आ गए। राज्य में भाजपा और जजपा की सरकार है। दोनों ही दलों के
नेता भाजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सीट पर 3
नवंबर को मतदान होना है।
चौटाला और बिश्नोई राज्य के दो बड़े राजनीतिक घरानों से हैं, जो
एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी रहे हैं। एक ओर चौटाला देवी लाल के परपोते हैं।
वहीं, भव्य के दादाजी का नाम भजन लाल है। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के
दौरान दुष्यंत, बृजेंद्र और भव्य ने हिसार सीट के लिए दावेदारी पेश की थी।
यहां से भाजपा के टिकट पर उतरे बृजेंद्र ने जीत दर्ज की थी।
चौटाला ने कहा, 'तीन साल पहले बृजेंद्र सिंह, भव्य और मैंने हिसार
लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। आपने बृजेंद्र सिंह को लोकसभा भेजा। 6 महीने
बाद मैंने उचाना से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचा। अब भव्य को भी दोबारा
मौका मिला है। आपको उसे भी विधानसभा भेजना चाहे और यह सुनिश्चित करना चाहिए
कि सरकार में आपकी भी बात सुनी जाए।'
जनसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भव्य की दादी जसमा देवी समेत
राज्य के कई मंत्री, विधायक सांसद और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सीएम खट्टर ने
आदमपुर को भजन लाल की 'कर्मभूमि' कहा। इस दौरान उन्होंने बिश्नोई की तारीफ
की और उन्हें 'बहादुर नेता' बताया। उन्होंने मतदाताओं से कांग्रेस को
उपचुनाव में एक झटका देने की अपील की। साथ ही संकेत दिए कि साल 2005 में
कांग्रेस की 67 सीटें आने केबाद भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भजन लाल
(गैर-जाट) को सीएम नहीं बनने दिया।
मैदान में कौन-कौन?
कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा का हिस्सा बने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य
अपने पिता की सीट बचाने की कोशिश में हैं। वहीं, कांग्रेस ने पार्टी का
दबदबा बनाए रखने के लिए जय प्रकाश पर भरोसा जताया है। जबकि, राज्य में
सियासी एंट्री की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र सिंह को
टिकट दिया है। खास बात है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का गृहराज्य हरियाणा है। हाल ही में पार्टी ने
पंजाब विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी।