जहां भारत के ज्यादातर विश्वविद्यालयों को केंद्र और राज्य सरकारें फंड मुहैया कराती हैं, वहीं अमेरिकी यूनिवर्सिटी अपना ज्यादातर खर्चा खुद उठाते हैं। वे महंगे शोध, सुविधाओं और फेलोशिप का खर्च भी आसानी से इसलिए वहन कर लेते हैं क्योंकि सरकारी सहायता के अलावा उनके फंड जमा करने के अपने तरीके हैं। दान के मामले में तीसरे नंबर पर रहने वाले टेक्सास यूनिवर्सिटी के पास तेल के कुएं हैं। लगभग 250 कंपनियों को तेल के कुएं लीज पर दिए हैं। इन तेल के कुओं से टेक्सास यूनिवर्सिटी को इस समय हर रोज 48 करोड़ रुपए यानी हर महीने 1440 करोड़ रुपये की आय हो रही है। येल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम गोत्समैन कहते हैं, जहां कोरोना के बाद यूक्रेन और रूस युद्ध की वजह से दूसरे विश्वविद्यालयों को फंड की समस्या से जूझना पड़ रहा है। वहीं टेक्सास यूनिवर्सिटी की आय इतनी ज्यादा हो गई है कि फंड के मामले में वह जल्द ही हार्वर्ड को भी पीछे छोड़ देगा।
हॉर्वर्ड को भी पीछे छोड़ देगी टेक्सास यूनिवर्सिटी
हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी अपने पैसों के बेहतर निवेश के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। उसे दुनिया में सबसे ज्यादा दान भी मिलता है। जून 2021 में ही यूनिवर्सिटी को 4.25 लाख करोड़ रुपए का दान मिला, जबकि टेक्सास यूनिवर्सिटी को 3.43 लाख करोड़ रुपए दान में मिले। लेकिन तेल के बढ़ते दामों ने विश्वविद्यालय की आमदनी कई गुना बढ़ा दी है। अमेरिका के एमोरी यूनिवर्सिटी की आय कोका-कोला कंपनी के शेयरों से होती है।
टेक्सास के अलावा भी कई यूनिवर्सिटी के पास फंड
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के पास लीरिका दवा का पेटेंट है। जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी का रीयल एस्टेट का पूरा कारोबार है। ऐसा नहीं है कि टेक्सास के अलावा दूसरे विश्वविद्यालयों के पास जीवाश्म ईंधन वाली जमीनें नहीं हैं, लेकिन वे पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खनन की इजाजत नहीं देते। टेक्सास राज्य के एडवोकेसी ग्रुप एनवायरनमेंट के निदेशक ल्यूक मेत्जर कहते हैं, हम मानते हैं यह राजस्व का बड़ा स्रोत है और उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत है, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं।
यूनिवर्सिटी की जमीनों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विलियम मर्फी कहते हैं, हम आय के दूसरे साधन भी देख रहे हैं। यूनिवर्सिटी वेस्ट टेक्सास में अपनी जमीन पर पवन और सौर ऊर्जा के उत्पादन से भी राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सारी आय यूनिवर्सिटी के स्थाई फंड में जाती है, जिससे 27 इंस्टीट्यूट के 3 लाख 50 हजार छात्रों की पढ़ाई होती है।
चारागाह के लिए मिली थी 21 लाख एकड़ जमीन, तेल के कुएं निकल आए
जानवरों को पालकर फंड जुटाने के लिए टेक्सास राज्य ने 21 लाख एकड़ की बंजर जमीन चारागाह के तौर पर सन 1800 के आसपास टेक्सास विश्वविद्यालय को दी थी। लेकिन 1923 में यहां तेल के कुएं मिल गए। अभी करीब 250 कंपनियों को टेक्सास विवि ने तेल के कुएं लीज पर दिए हैं।