मध्यप्रदेश में भारी बारिश ने बाढ़ का खतरा और बढ़ा दिया है। नर्मदा, ताप्ती, शिप्रा, पार्वती, बेतवा और चंबल उफान पर हैं। शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया के तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर सीहोर के पास पुलिया पार करते समय सिवान नदी में बह गए। तहसीलदार के साथ नसरुल्लागंज में पदस्थ पटवारी महेंद्र रजक भी थे। पुल से करीब तीन किलोमीटर दूर छापरी खुर्द के पास पटवारी का शव नदी के बीच में मिला। अवंतिपुरा के पास नदी और डैम के बीच i20 कार फंसी हुई है, जिसे निकाल लिया गया है।तहसीलदार अभी लापता है।
राजधानी भोपाल में दो दिन लगातार तेज बारिश के बाद आज बारिश थमी है। भोपाल से गुजरी कलियासोत नदी उफनाने से दामखेड़ा और मर्दाना टोला में 70 परिवार को स्कूल में शिफ्ट करना पड़ा। भोपाल के कलियासोत, केरवा और भदभदा डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं। नर्मदापुरम में नर्मदा खतरे के निशान से कुछ नीचे आई है। मंगलवार को नदी का लेवल 966 फीट तक पहुंच गया था। फिलहाल, नदी का जलस्तर घटकर 960 फीट तक आ गया है। सीहोर जिले के कोलार डैम के सभी आठ गेट खोले जा चुके हैं। कैचमेंट एरिया में बारिश होने के बाद स्थिति गंभीर हो गई है। खंडवा जिले में मोरटक्का पुल से आवागमन बंद कर दिया गया है।