पाकिस्तान के रावलपिंडी में 60 शिक्षकों और क्लर्कों पर शनिवार को मामला दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षा अधिकारी पर हमला किया और उन्हें काम करने से रोका। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी शिकायत डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन अथॉरिटी के शिक्षा अधिकारी मोहम्मद आजम ने की थी, जिन पर हमला हुआ। इसके बाद 60 में से 32 लोगों की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया गया।
हमलावरों ने 70 हजार रुपए भी छीनने का भी आरोप
आजम ने शिकायत में कहा कि उनके और डिप्टी डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर मोहम्मद आसिफ समेत शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों पर हमला किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि हमलावरों ने 70 हजार रुपए भी छीन लिए।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में उनका तबादला किए जाने के बाद उन्हें और आसिफ को गुरुवार को फिर से पद पर रख लिया गया। वहीं, आजम की नियुक्ति के विरोध में प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों और क्लर्कों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था।
5-16 साल के सिंधी बच्चों में से लगभग 60% स्कूल से बाहर
विश्व सिंधी कांग्रेस के दुआ कलहोरो ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की खराब शिक्षा प्रणाली को जाहिर किया था। उन्होंने खासकर सिंधी बच्चों की बुनियादी शिक्षा के संबंध में बात की थी। कल्होरो ने कहा था कि कैसे सिंधी बच्चों को बुनियादी शिक्षा के उनके अधिकार से दूर किया जा रहा है।
5-16 साल के सिंधी बच्चों में से लगभग 60% स्कूल से बाहर हैं, जबकि 80% स्कूलों में सही सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि इस आकड़े से हम आपके ध्यान में पाकिस्तान में सिंधी बच्चों की दुखद स्थिति पर लाना चाहते हैं।
47% प्राइमरी स्कूल में केवल एक ही शिक्षक
वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 70 लाख यानी 44% से ज्यादा 5-16 साल के बच्चे शिक्षा से बाहर हैं। 2020-21 के आंकड़े बताते हैं कि सिंध में प्राइमरी एजुकेशन में करीब 20 लाख स्टूडेंट्स और कुल लगभग 47% प्राइमरी स्कूल में केवल एक ही शिक्षक है।