नई दिल्ली । पश्चिमी राजस्थान के ज्यादातर हिस्सों, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कुछ-कुछ इलाकों में रविवार को भीषण गर्मी का अहसास हुआ। वहीं, पूर्वी राजस्थान और झारखंड के कुछ-कुछ इलाकों में भी भीषण गर्मी महसूस की गई।
राजस्थान का बाड़मेर रविवार को देश का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने भविष्यवाणी की है कि अगले पांच दिन तक झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में अगले पांच दिनों तक भीषण गर्मी का अहसास किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक 39.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन का न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 19.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सापेक्षिक आर्द्रता 69 प्रतिशत से 14 प्रतिशत के बीच रही।
आईएमडी के अधिकारियों ने कहा कि लगातार शुष्क मौसम रहने के कारण उत्तर पश्चिम भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। मौसम विभाग ने 3 से 6 अप्रैल के बीच कुछ स्थानों पर भीषण लू चलने का पूर्वानुमान जताया है।
एयर कंडीशनर (एसी) कंपनियों को उम्मीद है कि पारा चढ़ने के साथ ही मांग बढ़ने से इस वर्ष उनकी बिक्री में दहाई अंक यानी 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी। हालांकि, उनका कहना है कि घरेलू एयर कंडीशनर के दाम करीब पांच फीसदी बढ़ सकते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हाल में कहा था कि इस वर्ष अप्रैल और मई माह में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।
इससे उत्साहित एसी मैन्युफैक्चरर कंपनियां वोल्टास, हिताची, एलजी, पैनासॉनिक और गोदरेज अप्लायंसेज का मानना है कि इस बार मांग बढ़ेगी। इससे पहले दो साल कोविड-19 के कारण बाजार में बाधा पैदा हो गई थी। कुछ कंपनियों का कहना है कि इस मौसम में एसी की अधिक मांग होने के कारण एसी और ठंडक प्रदान करने वाले अन्य उत्पादों की कमी हो सकती है।
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण विनिर्माता संघ (सीईएएमए) ने उम्मीद जताई कि गर्मियों के इस मौसम की साल की कुल बिक्री में हिस्सेदारी 35 से 40 फीसदी हो सकती है। सीईएएमए के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने कहा बीते कुछ वर्षों से कीमतें अस्थिर रही हैं। महामारी से हालात और भी बदतर हो गए। बीते 18 महीनों में उपभोक्ता उपकरण क्षेत्र में कीमतें 15 फीसदी तक बढ़ीं।
जिंस तथा कच्चे माल के दाम बढ़ने से उद्योग लगातार दबाव में है। उन्होंने कहा कि मूल्यवृद्धि उपभोक्ताओं को तुरंत प्रभावित नहीं करेगी, क्योंकि मार्च-अप्रैल, 2022 तक का उत्पादन पहले से तय है। मई से कीमतें बढ़ सकती हैं। व्यस्त समय की अधिकतम बिजली की मांग या एक दिन में सबसे ऊंची आपूर्ति पहली अप्रैल को एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़कर 198.47 गीगावॉट पर पहुंच गई है। इससे पता चलता है कि गर्मियों की शुरुआत तथा राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार आया है।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल, 2021 को व्यस्त समय की बिजली की अधिकतम मांग 177.20 गीगावॉट रही थी। आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में पूरे अप्रैल महीने के दौरान बिजली की सबसे अधिक मांग 182.37 गीगावॉट दर्ज की गई थी।
अप्रैल, 2020 में यह 132.73 गीगावॉट थी, जो अप्रैल, 2019 के 176.81 गीगावॉट से कम है। विशेषज्ञों ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में उछाल के अलावा गर्मी की शुरुआत ने भी बिजली की मांग को बढ़ा दिया है। विशेष रूप से देश के उत्तरी हिस्से में लोगों ने भीषण गर्मी के मद्देनजर कूलर और एयर कंडीशनर (एसी) का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।