नई दिल्ली । दवा कंपनी जायडस कैडिला ने कहा कि उसने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए उपयोगी दवा रेमडेसिवियर को रेमडेक ब्रांड नाम से भारतीय बाजारों में पेश किया है। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि रेमडेक की 100 मिलीग्राम की शीशी की कीमत 2,800 रुपये है, जो भारत में उपलब्ध रेमडेसिवियर का सबसे सस्ता ब्रांड है। जायडस कैडिला ने बताया कि यह दवा उसके वितरण नेटवर्क के जरिए पूरे देश में उपलब्ध होगी। यह दवा सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलेगी। कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक डॉ. शरविल पटेल ने कहा, रेमडैक सबसे सस्ती दवा है, क्योंकि हम चाहते हैं कि कोविड-19 के इलाज में अधिक से अधिक मरीजों तक यह दवा पहुंच सके। इस दवा के लिए सक्रिय दवा घटक एपीआई का विनिर्माण समूह की गुजरात स्थिति इकाई में किया गया है। जायडस कैडिला कोविड-19 की वैक्सीन बनाने की कोशिश भी कर रही है और जायकोव-डी नाम की यह वैक्सीन क्लिनिकल परीक्षण के दूसरे चरण में है। इधर, रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन पर उठ रहे सवालों के बीच बड़ी खबर आई है। रूसी कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल फिलीपींस में अक्टूबर से मार्च के बीच होगा। फिलीपींस राष्ट्रपति के प्रवक्ता हैरी रोके ने गुरुवार को कहा कि रूसी कोरोना वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल अक्टूबर से मार्च तक फिलीपींस में होंगे। दरअसल, यह खबर इसलिए भी अहम है क्योंकि रूस ने तीसरे चरण के ट्रायल से पहले ही कोरोना वैक्सीन विकसित कर लेने की घोषणा कर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। हालांकि, वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल बाकी होने की वजह से पूरी दुनिया में इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रवक्ता ने यह भी कहा रूसी सरकार वैक्सीन के ट्रायल के लिए फंड देगी। वैक्सीन की दक्षता और सुरक्षा की जांच के लिए लिए हजारों मरीजों को टीका लगाया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि मनीला को उम्मीद है कि फिलीपींस का खाद्य और औषधि प्रशासन अप्रैल 2021 तक रूस द्वारा निर्मित वैक्सीन को मंजूरी दे देगा। बता दें कि इस वैक्सीन को रूस की गमालया शोध संस्थान और रक्षा मंत्रालय ने मिलकर तैयार किया है। इस वैक्सीन का नाम जिसका पंजीकरण मंगलवार को हुआ। खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इसका ऐलान किया और कहा कि यह वैक्सीन सभी आवश्यक जांच प्रक्रिया से गुजरी है। बता दें कि फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने रूस निर्मित कोरोना वायरस 'कोविड-19' वैक्सीन के परीक्षण को खुद पर किए जाने की इच्छा जताई है। वह वैक्सीन के चिकित्सा परीक्षणों और उत्पादन पर मास्को के साथ सहयोग करने के लिए आगे बढ़कर सामने आए हैं।